नई दिल्ली: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। इसमें जान फूंकने के लिए सरकार ने हाल में कई घोषणाएं की थीं। आने वाले दिनों में भी कई और उपायों की घोषणा की जा सकती है। लेकिन इस बीच अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो गई है जो चीनी इकॉनमी की हवा निकालने की फिराक में हैं। ट्रंप ने अपने चुनावी भाषणों में चीनी सामान पर 60 फीसदी तक आयात शुल्क लगाने का वादा किया था। दुनिया के दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही काफी तनाव चल रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश को टेक्नोलॉजी का पावरहाउस बनाना चाहते हैं लेकिन ट्रंप की जीत से उनकी योजना को पलीता लग सकता है।
चीन में रियल एस्टेट सेक्टर कई साल से संकट में है। सरकार का कर्ज बढ़ रहा है और बेरोजगारी चरम पर है। खपत में सुस्ती ने चीन की ग्रोथ पर ब्रेक लगा रखा है। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीनी सामान पर 25% तक इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई थी। जानकारों का कहना है कि उनके दूसरे कार्यकाल में चीन के लिए परेशानी बढ़ सकती है। आईएमएफ ने पहले ही चीन की इकॉनमी के लिए अपने अनुमान को कम कर दिया है। इस साल देश की इकॉनमी के 4.8% की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है जबकि सरकार ने 5% का लक्ष्य तय कर रखा है। अगले साल इसके 4.5% रहने का अनुमान है।
चीन की समस्या
जानकारों का कहना है कि चीन में भी उसी तरह का ठहराव आ सकता है जिसमें जापान कई दशक से फंसा था। जापान में 1990 के दशक में स्टॉक और प्रॉपर्टी का बुलबुला फूटने के ठहराव आ गया था और वह अब तक इससे उबर नहीं पाया है। जानकारों का कहना है कि इस स्थिति से बचने के लिए चीन को कंज्यूमर डिमांड बढ़ाने पर काम करना चाहिए और एक्सपोर्ट और निवेश आधारित ग्रोथ से हटना चाहिए। इससे चीन में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा और देश बाहरी झटकों से बचने से बच सकेगा।
चीन कई साल से दुनिया के फैक्ट्री बना हुआ है। वहां बने सस्ते सामान से दुनियाभर के बाजार भरे पड़े हैं। चीन उसी सफलता को हाई-टेक एक्सपोर्ट में भी दोहराना चाहता है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वीकल्स और लीथियम आयन बैटरी के मामले में चीन वर्ल्ड लीडर है। लेकिन इसके साथ ही पश्चिमी देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने यूरोपीय यूनियन ने चीन में बने ईवी पर टैरिफ बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया था। अब वाइट हाउस में ट्रंप की वापसी से चीन की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं।
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News & Image Source: khabarmasala