अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पूर्व सलाहकार बोल्टन के घर पर एफबीआई ने मारा छापा, एजेंटों ने ली तलाशी; भारत पर लगे टैरिफ पर उठाए थे सवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पूर्व सलाहकार बोल्टन के घर पर एफबीआई ने मारा छापा, एजेंटों ने ली तलाशी; भारत पर लगे टैरिफ पर उठाए थे सवाल

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टैरिफ समेत विभिन्न मुद्दों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लगातार आलोचना करते आ रहे जॉन बोल्टन के घर की एफबीआइ के एजेंटों ने शुक्रवार को तलाशी ली। ट्रंप के पूर्व सलाहकार पर यह कार्रवाई एफबीआइ निदेशक काश पटेल के आदेश के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा जांच के तहत की गई है। यह भी एक संयोग है कि बोल्टन पर यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई जब उन्होंने रूसी तेल आयात के लिए भारत पर भारी टैरिफ लगाने के वाशिंगटन के फैसले की कड़ी आलोचना की थी। बोल्टन ने कहा था, अमेरिका-भारत संबंध इस समय बहुत खराब है। प्रतीत होता है कि भारत को निशाना बनाया गया है। मैं चाहता हूं कि भारतीय जानें कि ट्रंप जो कर रहे हैं वह अधिकतर अमेरिकियों का सोच नहीं है। इसलिए मैं मानता हूं कि वह राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य हैं।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सूत्र ने बताया कि जांच गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने के आपराधिक मामले के मामले में यह कार्रवाई हुई है। छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने शुक्रवार को कहा, मुझे इसके बारे में नहीं पता। मैंने इसे आज सुबह टेलीविजन पर देखा। मैं जॉन बोल्टन का प्रशंसक नहीं हूं। वह वाकई घटिया इंसान है। वह देशद्रोही व्यक्ति हो सकता है। हम इसका पता लगाएंगे। गौरतलब है कि बोल्टन ट्रंप के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रहे, लेकिन बाद में दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई।न्यूयार्क पोस्ट के अनुसार संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) के एजेंटों ने स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे वाशिंगटन के उपनगर बेथेस्डा, मैरीलैंड स्थित उनके घर की तलाशी शुरू की। काश पटेल ने सुबह सात बजे के तुरंत बाद पोस्ट में बोल्टन का नाम लिए बिना लिखा, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एफबीआइ एजेंट मिशन पर हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के पूर्व राजदूत बोल्टन ने ट्रंप के पहले प्रशासन में अपने कार्यकाल पर किताब भी लिखी है। बोल्टन, ट्रंप की पिछली सरकार के दौरान अप्रैल 2018 से सितंबर 2019 तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे थे। उनकी किताब, ”द रूम व्हेयर इट हैपेंड” में ट्रंप को विदेश नीति के बारे में बहुत कम जानकारी रखने वाला बताया गया है। कहा गया है कि संघीय सरकार की तो बात ही छोड़ दें ट्रंप व्हाइट हाउस को कैसे चलाया जाए, इस बारे में आश्चर्यजनक रूप से अनभिज्ञ रहे। ट्रंप के पहले कार्यकाल में न्याय विभाग ने बोल्टन पर मुकदमा दायर किया और आपराधिक जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पुस्तक ”द रूम व्हेयर इट हैपेंड: ए व्हाइट हाउस मेमोयर” में वर्गीकृत जानकारी शामिल है। एक जज ने 2020 में पुस्तक के प्रकाशन को रोकने के प्रशासन के प्रयास को खारिज कर दिया। 2021 में बाइडन प्रशासन के दौरान आपराधिक जांच और मुकदमा दोनों को हटा दिया गया। जब एफबीआइ एजेंट उनके घर पर थे बोल्टन ने स्थानीय समयानुसार सुबह 7:32 बजे बयान साझा कर रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में ट्रंप प्रशासन के रवैये की आलोचना की और कहा कि चल रही बातचीत में कोई प्रगति नहीं होगी। बोल्टन ट्रंप की लगातार आलोचना कर रहे हैं। पिछले सप्ताह अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की बैठक के बाद बोल्टन ने सीएनएन को बताया कि पुतिन ने शिखर सम्मेलन में ”स्पष्ट रूप से जीत हासिल की”। हालांकि ट्रंप ”हारे नहीं” लेकिन वे ”बहुत थके हुए” लग रहे थे और यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई।

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