मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए वैश्विक टैरिफ की वैधता पर बहस शुरू कर दी है। वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक मामलों में से एक यह मामला यह निर्धारित करेगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी शक्तियों के भीतर काम किया या कर लगाने के कांग्रेस के अधिकार का अतिक्रमण किया। मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स और रूढ़िवादी न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट तथा नील गोरसच ने टैरिफ लगाने के सरकार के औचित्य पर संदेह व्यक्त किया। कई छोटे व्यवसायों और राज्यों के एक समूह ने इन शुल्कों को गैरकानूनी बताते हुए चुनौती दी है। ट्रंप के वकील से कड़े सवाल पूछे गए, जिनमें सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने के लिए संघीय कानून के इस्तेमाल पर भी सवाल शामिल थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिकी के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में भाग ले रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा था कि प्रशासन सभी परिणामों के लिए तैयार है, लेकिन अपनी कानूनी स्थिति को लेकर आश्वस्त है। सुप्रीम कोर्ट, जिसमें 6-3 का रूढ़िवादी बहुमत है, से इस हाई-प्रोफाइल मामले में तेज़ी से आगे बढ़ने की उम्मीद है।
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