भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खनन कॉन्क्लेव के परिणाम ऐतिहासिक होंगे। कॉन्क्लेव में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर होने वाली चर्चा के परिणाम भावी रणनीति के निर्माण की नींव रखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हो रही दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शामिल होंगे।
राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय खनिज कॉन्क्लेव में होने वाले मंथन से निकलने वाला अमृत मध्यप्रदेश के साथ ही विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। कॉन्क्लेव के विषयों में खनिज अन्वेषण, खनिज प्रसंस्करण, नवीन तकनीकों के उपयोग और पर्यावरण सुरक्षा शामिल है। इसमें आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंसी और मशीन लर्निंग आधारित डिजिटलाइजेशन जैसे विषय भी चर्चा में शामिल है। खनिज क्षेत्र में जरूरी नीतिगत सुधारों को लागू करने के लिये भी कॉन्क्लेव जैसी संगोष्ठियों का होना आवश्यक है।
मध्यप्रदेश प्रचुर खनिज संसाधनों से समृद्ध है। मध्यप्रदेश को देश का एक मात्र हीरा उत्पादन क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है। प्रदेश का मलाजखंड क्षेत्र देश का तांबा खनन का सबसे बड़ा क्षेत्र है। मध्यप्रदेश मध्य में होने से निवेशकों के लिये आवागमन की सुविधाएँ सुगम और सहज उपलब्ध होती है। इस प्रकार की कॉन्क्लेव से मध्यप्रदेश का खनन क्षेत्र तो बुस्ट-अप होगा ही, देश की समृद्धि में भी प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
News & Image Source: khabarmasala
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