आज देश को प्रकृतिक संतुलन और आधुनिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है-पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि, अंडमान की ये धरती वो भूमि है, जिसके आसमान में पहली बार मुक्त तिरंगा फहरा था। सेल्यूलर जेल की कोठरियों से आज भी अप्रतिम पीड़ा के साथ-साथ उस अभूतपूर्व जज़्बे के स्वर सुनाई पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि, अंडमान में जिस जगह नेता जी ने सबसे पहले तिरंगा फहराया था वहां आज गगनचुंबी तिरंगा आजादी हिन्द फौज के पराक्रम का गुणगान कर रहा है। समंदर किनारे लहराते तिरंगे को देख, यहां आने वाले लोगों में देशभक्ति का रोमांच बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि, जिन 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम से इन द्वीपों को जाना जाएगा उन्होंने मातृभूमि के कण-कण को अपना सबकुछ माना था, उन्होंने भारत मां की रक्षा के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था। उन्होंने कहा कि, वो अलग अलग राज्य से थे लेकिन मां भारती की अटूट भक्ति उन्हें जोड़ती थी… एक बनाती थी। जैसे समुद्र अलग अलग द्वीपों को जोड़ता है वैसे ही ‘एक भारत – श्रेष्ठ भारत’ का भाव भारत मां की हर संतान को एक कर देता है। उन्होंने आगे कहा कि, आज देश उस कर्तव्य को… उस जिम्मेदारी को पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। आज जवानों और सेना के नाम से देश को पहचान दी जा रही है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, पहले लोग समुद्री किनारों और प्रकृतिक सौंदर्य को देखने अंडमान आते थे लेकिन अब अंडमान से जुड़े स्वाधीनता के इतिहास को जानने के लिए भी उत्सुकता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि, अब लोग इतिहास को जानने और उसको जीने के लिए भी यहां आ रहे हैं। अपनी विरासत पर गर्व की भावना इस परंपरा के लिए और अधिक आकर्षण पैदा कर रही है। उन्होंने बताया कि, देश में पहले की सरकारों ने… और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कमतर आंका गया। उन्होंने आगे कहा कि, हमारे पूर्वोत्तर के राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप जैसे हिस्सों को हमेशा ये सोच रही कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक क्षेत्र हैं… ऐसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई और उनके विकास को नजरअंदाज किया गया। अंडमान-निकोबार द्वीप भी इसका साक्षी है। उन्होंने बताया कि, आज देश को प्रकृतिक संतुलन और आधुनिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। अंडमान-निकोबार में इंटरनेट की सुविधा बढ़ी है और डिजिटल लेन-देन बढ़ने से यहां आने वाले पर्यटकों को लाभ मिल रहा है।

News & Image Source : (Twitter) @BJP4India

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