प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के सूरत में प्राकृतिक कृषि सम्मेलन को वीडियो काफ्रेंस के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा है कि आप प्राकृतिक खेती करते हैं तो आप धरती माता की सेवा करते हैं, उसकी उत्पादकता की रक्षा करते हैं। आप प्राकृतिक खेती करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा करते हैं। आप प्राकृतिक खेती से जुड़ते हैं तो आपको गौमाता की सेवा का सौभाग्य भी मिलता है। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले गुजरात में प्राकृतिक कृषि के विषय पर नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था। इस कॉन्क्लेव में पूरे देश के किसान जुड़े थे। आज एक बार फिर सूरत में यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि गुजरात किस तरह से देश के अमृत संकल्पों को गति दे रहा है। हमारा जीवन, हमारा स्वास्थ्य, हमारा समाज सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है। भारत तो स्वभाव और संस्कृति से कृषि आधारित देश ही रहा है। इसलिए, जैसे-जैसे हमारा किसान आगे बढ़ेगा, जैसे-जैसे हमारी कृषि उन्नत और समृद्ध होगी, वैसे-वैसे हमारा देश आगे बढ़ेगा।
इस कार्यक्रम के सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल के निमित्त देश ने ऐसे अनेक लक्ष्यों पर काम करना शुरू किया है जो आने वाले समय में बड़े बदलावों का आधार बनेंगे। अमृत काल में देश की गति-प्रगति का आधार, सबका प्रयास की वो भावना है जो हमारी इस विकास यात्रा का नेतृत्व कर रही है। परंपरागत कृषि विकास योजना और भारतीय कृषि पद्धति कार्यक्रमों के जरिए आज किसानों को संसाधन, सुविधा और सहयोग दिया जा रहा है। इस योजना के तहत देश में 30 हजार क्लस्टर्स बनाए गए हैं। लाखों किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती व्यक्तिगत खुशहाली का रास्ता तो खोलती ही है साथ ही ये ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया’ की इस भावना को भी साकार करती है।
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