इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए टनल में पटरी बिछाने का काम इसी महीने से शुरू होगा

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इंदौर: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट में पिछले तीन वर्षों से युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। 204 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग सेक्शन में पूरा किया जा रहा है। इंदौर-टीही सेक्शन पर रेल कनेक्टिविटी होने के बाद अब टीही से धार सेक्शन का काम चल रहा है।

इस सेक्शन में 270 करोड़ की लागत से बन रही 2.9 किमी लंबी टनल की फिनिशिंग का काम जारी है। टीही-धार सेक्शन में 46 किमी के हिस्से में रेल लाइन बिछाने, अर्थवर्क, स्टेशन भवन, आरओबी, अंडरपास आदि काम तेजी से किए जा रहे हैं।

टनल की फाइनल फिनिशिंग जारी

रेलवे ने टनल का काम सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, ताकि दिसंबर तक इंदौर-धार के बीच ट्रेन संचालन शुरू हो सके। टनल बनने के बाद अब फाइनल फिनिशिंग की जा रही है। अब तक 800 मीटर में लाइनिंग का काम पूरा किया जा चुका है।

एक माह से एक साथ पांच मशीनें काम कर रही हैं। पानी का रिसाव रोकने के लिए जेंट्री के माध्यम से वाटरप्रूफ जियो टेक्सटाइल और मेमरीन लगाई जा रही है। इसके बाद भी पानी का रिसाव होने की स्थिति में ड्रेन लाइन भी बनाई गई है। रेलवे अफसरों के अनुसार इसी माह सुरंग के आधे हिस्से में ट्रैक बिछाने काम भी शुरू कर दिया जाएगा।

सुरंग एक नजर में

    2007-08 में रेलवे ने आठ हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की थी।
इसके बदले करीब चार करोड़ रुपये का मुआवजा दिया।
तीन किमी के दायरे में 15 मीटर चौड़ाई की जमीन का किया उपयोग।
सुरंग से दो लाख 34 हजार क्यूबिक मीटर मलबा निकाला गया।
अब तक 800 मीटर हिस्से में टनल पूरी तरह तैयार हो चुकी है।

इसलिए जरूरी प्रोजेक्ट

पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ विनीत अभिषेक ने बताया कि इंदौर-दाहोद रेल प्रोजेक्ट काफी अहम है। यहां ट्रेन संचालन होने से इंदौर-मुंबई के बीच रेल मार्ग की दूरी कम हो जाएगी। आजादी के बाद अब धार, आलीराजपुर, झाबुआ सहित मप्र और गुजरात के जो क्षेत्र अब तक ट्रेन से अछूते थे, उन्हें ट्रेन सुविधा मिल जाएगी।

इसके साथ ही पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का गुड्स सीधे मुंबई, साउथ व अन्य पोर्ट पर सीधे चला जाएगा। सागौर रेलवे स्टेशन से ही मल्टी लाजिस्टिक पार्क के लिए रेल लाइन की कनेक्टिविटी रहेगी। स्टेशन से पार्क करीब तीन किमी दूर बन रहा है।

6 साल से चल रहा टनल का काम

इंदौर-दाहोद रेल लाइन में टिही टनल का काम ही सबसे अहम था। 6 साल से तीन किलोमीटर लंबी टनल बनाने का काम चल रहा था। रेलवे के द्वारा पिछले साल ही इसका सिविल वर्क पूरा कर लिया गया था। टनल के आगे के हिस्से की बात करें तो फिनिशिंग से पीथमपुर, पीथमपुर से गुनावद के बीच रेलवे ने ट्रैक बिछा दिया है।
इंदौर से सीधा कनेक्ट होगा धार

जल्द ही इंदौर से धार कनेक्ट हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट साल 2008 में स्वीकृत हुआ था। जिसमें पहले टनल का प्रस्ताव नहीं था। बाद से प्रोजेक्ट में आधिकारियों द्वारा टनल को जोड़ा गया। साल 2017-18 में टेंडर जारी किए गए थे। इसके बाद काम शुरु हुआ, लेकिन कोरोना शुरु किया गया था। 2017-18 में टेंडर जारी हुए थे। इसके बाद काम शुरू हुआ। हालांकि, कोविड के बाद रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को फ्रीज कर टेंडर शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया।
बता दें कि, टिही – पीथमपुर टनल के बनने से अब इंदौर से दाहोद के लिए सीधी रेलवे लाइन उपलब्ध होगी। जिससे इंदौर से दाहोद, गुजरात और महाराष्ट्र का सफर आसानी से किया जा सकेगा।

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News & Image Source: khabarmasala

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