प्रवर्तन निदेशालय ने 2018 में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में हुई अनियमितताओं के संबंध में मुंबई में कई स्थानों पर आज छापेमारी अभियान चलाया। अधिकारियों के अनुसार शिवसेना के सांसद संजय राउत से पूछताछ के दौरान दी गई जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है । प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में उपनगरीय दादर और कांजुरमार्ग में छापेमारी की है। राउत 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में हैं । सूत्रों के अनुसार अभी यह पता नहीं चल पाया है कि राउत के घर पर ये छापेमारी की गई या नहीं। सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में कुछ और लोगों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। राउत को इस महीने की पहली तारीख को एजेंसी ने मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित धन शोधन और अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि राउत का एक करीबी सहयोगी भी इसमें शामिल है। इस धोखाधडी में एक हजार 39 करोड 79 लाख रुपये कमाए गए और संजय राउत को भी इसका फायदा मिला। प्रवर्तन निदेशालय राउत की संपत्ति कुर्क कर चुका है और उसकी पत्नी वर्षा से भी पूछताछ कर चुका है । प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को 47 एकड़ जमीन में 672 किरायेदारों के पुनर्वास के लिए पात्रा चॉल परियोजना के विकास का जिम्मा सौंपा गया था। इस दौरान वधावन बंधु और प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशक थे।
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