उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंचे

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उज्जैन: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालु उज्जैन के सोमकुंड में स्नान कर तीर्थ पर दान-पुण्य और पितृ कर्म कर रहे हैं। प्रातःकाल से ही भक्तों की भीड़ शिप्रा नदी के रामघाट पर डुबकी लगाने पहुंच रही है। इस दौरान महाकाल मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है।

शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते में बेरिकेट्स लगाकर यहां पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई है। सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में पर्व स्नान की व्यवस्था की गई है।

सोमवती अमावस्या का धार्मिक नगरी उज्जैन में विशेष महत्व है। सोमवार को सोमवती अमावस्या होने के कारण शिप्रा नदी के साथ-साथ पुल के दूसरी ओर सोमतीर्थ पर कुंड में स्नान करने की परंपरा है। शिप्रा घाट पर रहने वाले पंडितों ने घाट के ऊपर स्थित धर्मशाला में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया।

सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विधान

सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान करने और इसके उपरांत श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन का विधान है। मान्यता है कि इससे मनुष्य की जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन के बाद बाहर बैठे भिक्षुकों को दान-पुण्य किया।

नर्मदापुरम के विश्व प्रसिद्ध नर्मदा सेठानी घाट समेत सभी घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान कर रहे हैं। दरअसल, आज पौष अमावस्या सोमवार को पड़ने के कारण काफी महत्वपूर्ण हो गई है, इसीलिए पवित्र नदियों में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है.
इसे स्नानदान का पर्व कहा जाता है. इसके साथ ही पितरों को जल अर्पित करने के लिए भी यह दिन विशेष माना जाता है. सोमवती स्नान पर्व का अवसर लंबे अंतराल के बाद आता है.
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और साथ ही पितृ दोष भी कम होता है।
बता दें कि जब भी अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ती है तो सोमवती अमावस्या योग बनता है। इस दिन को बहुत खास माना जाता है। इस दिन स्नान और दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

वर्ष में ऐसा बहुत कम ही अवसर आता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो. सोमवती अमावस्या को स्नान का पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है।
वर्ष में ऐसा बहुत कम ही अवसर आता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। सोमवती अमावस्या को स्नान का पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करना भी विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है।

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News & Image Source: khabarmasala

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