उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में असुरक्षित भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया है। जमीन धंसने की समस्या का सामना कर रहे इस शहर का विभाजन तीन क्षेत्रों में किया गया है। इनमें से एक खतरे वाला, दूसरा मध्यवर्ती और तीसरा पूर्णतः सुरक्षित क्षेत्र है। क्षेत्रों का विभाजन संभावित खतरे के आकार के आधार पर किया गया है। यह कदम जोशीमठ को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद उठाया गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली के अनुसार शहर में अब तक 603 भवनों में दरारे आ चुकी हैं।
मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा है कि जिन भवनों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है उन्हें गिरा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन खतरे वाले और मध्यवर्ती क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रहा है। वहां की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जोशीमठ की स्थिति की नियमित रूप से जानकारी ले रहे हैं। जोशीमठ के 9 निगम क्षेत्रों या वार्डों को डूब क्षेत्र घोषित किये जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में बचाव के लिए उन्होंने सामूहिक प्रयास करने की अपील की है।
Courtesy & Image source: newsonair.gov.in
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