मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के राजकीय अस्पतालों को अब अनुभवी और विशेषज्ञ चिकित्सकों के संकट से राहत मिलेगी। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया है। स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। एमडी, एमएस डिग्री और पीजी डिप्लोमधारक 550 विशेषज्ञ चिकित्सकों इससे लाभान्वित होंगे। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसाेसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के रूप में कार्यरत चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है। प्रदेश सरकार ने अब राजकीय अस्पतालों में क्लीनिकल विधा के विशेषज्ञ चिकित्साधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की है। यद्यपि, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि का लाभ प्रशासनिक एवं वित्तीय दायित्वों के रूप में नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य सचिव डा आर राजेश कुमार ने बताया कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात किसी भी विशेषज्ञ चिकित्सक को प्रशासनिक पद एवं वित्तीय दायित्वों का प्रभार नहीं दिया जाएगा। उनकी तैनाती मुख्य परामर्शदाता के रूप में ढांचे के अंतर्गत उनकी विधा के उपलब्ध रिक्त पदों पर की जाएगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्होंने बताया कि ऐसे चिकित्सा अधिकारियों को अग्रेत्तर पदोन्नति प्रदान नहीं की जाएगी। चिकित्सक को वेतन वृद्धि एवं अन्य सेवा लाभ, सेवा के दौरान एवं सेवानिवृत्ति पर राजकीय कार्मिकों की भांति ही नियमानुसार अनुमन्य होंगे। उन्हें 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर मुख्य परामर्शदाता के रूप में कार्य करने का विकल्प देना होगा। विभाग के स्थापित नियमों के अनुरूप उनकी तैनाती की जाएगी। स्थानांतरण संबंधी एवं अन्य समस्त राजकीय कार्मिकों पर लागू होने वाले नियम विशेषज्ञ चिकित्सकों पर भी लागू होंगे। शासन के इस आदेश से फिजिशियन, स्त्री रोग, बाल रोग, हड्डी रोग, त्वचा, एनेस्थीसिया समेत क्लीनिकल विधा के विशेषज्ञ चिकित्सक लंबे समय तक राजकीय अस्पतालों में सेवाएं दे सकेंगे। प्रांतीय स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सक इसके पात्र होंगे।
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