उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के शेष चरणों और मणिपुर विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर

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उत्‍तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहा है। इनमें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित 16 सीटें शामिल हैं। इन जिलों में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले शामिल हैं।

इस बीच, पांचवें चरण के लिए प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। इस चरण का मतदान 27 फरवरी को 61 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इनमें 12 जिलों के अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित नौ सीटें शामिल हैं। इन जिलों में श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, गोंडा, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज और चित्रकूट जिले शामिल हैं।

इस चरण में कुल 692 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रतापपुर सीट के लिए सबसे अधिक 25, जबकि मिल्कीपुर, पयागपुर, बाराबंकी, जैदपुर, हैदरगढ़, सदर और कादीपुर सीटों के लिए सबसे कम सात उम्मीदवार मैदान में हैं।

राज्‍य के बाकी चरणों और मणिपुर में दो चरणों में होने वाले मतदान के लिए भी प्रचार जोरों पर है। स्टार प्रचारक और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता जनसभाएं कर रहे हैं। घर-घर जाकर प्रचार और वर्चुअल अपील भी जारी है।

छठे चरण के लिए 57 विधानसभा सीटों पर कुल 676 उम्मीदवार मैदान में हैं। तुलसीपुर, गोरखपुर ग्रामीण और पडरौना सहित तीन सीटों के लिए सबसे ज्‍यादा 15, जबकि सबसे कम सात उम्मीदवार सलेमपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस चरण का मतदान 3 मार्च को होगा।

उत्तर प्रदेश में सातवें चरण का मतदान अगले महीने की 7 तारीख को नौ जिलों की 54 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इनमें 11 सीटें अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इस चरण में कुल 613 उम्मीदवार मैदान में हैं। गाजीपुर सीट के लिए सबसे ज्यादा 19, जबकि वाराणसी जिले की पिंद्रा और शिवपुर सीटों के लिए कम से कम छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही असम में माजुली सीट के लिए विधानसभा उपचुनाव भी होगा। यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने भुवनेश्वर गाम को मैदान में उतारा है, तो असम जातीय परिषद के चित्तरंजन बसुमतारी को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के भाती रिचोंग तीसरे उम्मीदवार हैं। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद इस सीट से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव कराया जा रहा है।

मणिपुर में पहले चरण के लिए छह जिलों की 38 सीटों पर 28 फरवरी को मतदान होगा। इनमें एक सीट अनुसूचित जाति के लिए और आठ सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इन जिलों में इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, फेरजोल, चर्चंदपुर और कांगपोकपी जिले शामिल हैं।

इस चरण में 15 महिलाओं सहित 173 उम्मीदवार मैदान में हैं। सेकमई, सैकोट और सैकुल सहित तीन सीटों के लिए सबसे ज्यादा आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। हींगांग, नंबोल और थंगा समेत तीन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है।

मणिपुर में दूसरे चरण के लिए दस जिलों की 22 सीटों पर 5 मार्च को मतदान होगा। इनमें से 11 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित हैं। इनमें थौबल, काकचिंग, जिरीबाम, चंदेल, तेंगनौपाल, कामजोंग, उखरूल, सेनापति, तामेंगलोंग और नोनी जिले शामिल हैं। इस चरण की 22 सीटों पर दो महिलाओं सहित 92 उम्मीदवार मैदान में हैं। वांगखेम सीट के लिए सबसे ज्यादा आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। चंदेल और नुंगबा समेत दो निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है।

कोविड मामलों में गिरावट को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव वाले राज्यों में चुनाव प्रचार के प्रावधानों में ढील दी है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार सुबह छह बजे से प्रचार कर सकते हैं। रात 10 बजे तक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

आयोग ने राजनीतिक सभाओं और रैलियों के लिए स्‍थान की क्षमता के केवल 50 प्रतिशत क्षमता के उपयोग पर प्रतिबंध में ढील दी है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार अब राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नियमों के अधीन अपनी बैठकें और रैलियां कर सकते हैं। राज्‍य आपदा मोचन बल नियमों के अधीन और संबंधित जिला अधिकारियों की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की भी अनुमति दी गई है।

आयोग ने तत्काल प्रभाव से वर्तमान और भविष्‍य में होने वाले सभी चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या और स्टार प्रचारकों की सूची जमा करने की समय अवधि की अधिकतम सीमा को बहाल करने का निर्णय लिया। आयोग ने कोविड मामलों में गिरावट और केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील को देखते हुए यह निर्णय लिया है। आयोग ने कहा है कि अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या की अधिकतम सीमा 40 और अन्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए 20 होगी। इससे पहले आयोग ने अक्टूबर 2020 में मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या घटा दी थी।

आयोग ने कहा कि मणिपुर के दोनों चरणों में चल रहे विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के 5वें, 6वें तथा 7वें चरण और असम में माजुली विधानसभा सीट के उप-चुनाव के लिए अतिरिक्त स्टार प्रचारकों की सूची, निर्वाचन आयोग या संबंधित मुख्य चुनाव अधिकारी के पास बुधवार को शाम 5 बजे तक प्रस्तुत की जा सकती है।

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