मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मंदिर में ध्वजारोहण समारोह से पहले राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में सप्तमंदिर में पूजा-अर्चना की। सप्तमंदिर में महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मिकी, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी से संबंधित मंदिर हैं। इसके बाद राम मंदिर परिसर में शेषावतार मंदिर का दौरा किया गया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर 12 बजे मंदिर के 191 फुट ऊँचे शिखर पर पवित्र भगवा ध्वज फहराएँगे, जो मंदिर निर्माण के पूर्ण होने और सांस्कृतिक उत्सव एवं राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। मीडिया सूत्रों के अनुसार, ‘धर्म ध्वज’ पर तीन पवित्र प्रतीक अंकित हैं – ओम, सूर्य और कोविदारा वृक्ष, जिनमें से प्रत्येक सनातन परंपरा में निहित गहन आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है। कोविदार वृक्ष मंदार और पारिजात वृक्षों का एक संकर वृक्ष है, जिसे ऋषि कश्यप ने बनाया था, जो प्राचीन वनस्पति संकरण का प्रतीक है। सूर्य भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक है, और ॐ शाश्वत आध्यात्मिक ध्वनि है।
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