भाजपा आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसका फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर पार्टी नेतृत्व की देर रात हुई बैठक में लिया गया। बैठक में पार्टी के लिए ज्यादातर सीटों पर जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक में शामिल एक वरिष्ठ मंत्री के मुताबिक, नेतृत्व ने मंत्रियों से फीडबैक भी लिया और उनके बहुमूल्य सुझाव भी लिए। बीजेपी नेतृत्व का स्पष्ट कहना था कि किसी भी सांसद, विधायक और मंत्री को अपने परिजनों की पैरवी नहीं करनी चाहिए।
मीडिया सूत्रों की माने तो, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। उसने चुनाव के लिए प्रत्याशियों की तलाश भी शुरू कर दी है। इस बीच बीजेपी ने फैसला लिया है कि वह निकाय चुनाव में किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक के परिजनों को टिकट नहीं देगी। इसके अलावा पार्टी ने इस चुनाव को लेकर प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है।
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