उप्र: श्रावस्ती के सीएमओ सहित दो डॉक्टर निलंबित, डिप्टी सीएम ने शिकायतों पर लिया एक्शन

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उप्र: श्रावस्ती के सीएमओ सहित दो डॉक्टर निलंबित, डिप्टी सीएम ने शिकायतों पर लिया एक्शन

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार ने लगातार मिल रही शिकायतों के चलते श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। फतेहपुर में तैनात चिकित्सक को भी निलंबित कर सीएमओ सिद्धार्थनगर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।  सुलतानपुर के सीएमओ तथा पूर्व अधीक्षक द्वारा अनियमितता के आरोपों की भी जांच कराई जा रही है। पीलीभीत व अमेठी के दो चिकित्सा अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी को अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों पर अंकुश न लगा पाने, टेंडरों में अनियमितता बरतने व बायो मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण न करने के कारण निलंबित कर दिया गया है। उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है। यह कार्रवाई डीएम व सीडीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर उप मुख्यमंत्री ने की है। वहीं, फतेहपुर के जिला महिला चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके गुप्ता को निलंबित करते हुए सिद्धार्थ नगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। चिकित्सक का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे सरकार, शासन व प्रशासन के अधिकारियों के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुलतानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ओपी चौधरी तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लम्भुआ के पूर्व अधीक्षक के विरुद्ध विभिन्न अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को दी गई है। इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमानाबाद (पीलीभीत) में तैनात डेंटल सर्जन डॉ. प्रतिष्ठा सिंह एवं गौरीगंज (अमेठी) के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात रेडियोलाजिस्ट डॉ. संदीप कुमार द्वारा लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भंगेल के लिए चिकित्सकों के नौ एवं पैरामेडिकल व अन्य श्रेणी के 21 पदों सहित 30 नियमित पदों का सृजन किया गया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 12 पद आउटसोर्स के सृजित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता महेन्द्र प्रताप को पदोन्नती करके मुख्य अभियंता बना दिया गया है। शासन ने उनकी नई तैनाती के आदेश फिलहाल जारी नहीं किए हैं।

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