मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर की टीम ने नगर पालिका के जलकल विभाग के जेई (अवर अभियंता) को 2.30 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा है। जेई ने सरकारी नलकूपों का ठेका लेने वाले ठेकेदार से बिल पास करने के नाम पर 2.30 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत न देने पर ठेकेदार का ठेका निरस्त कराने की धमकी दी थी, जिसकी शिकायत ठेकेदार ने विजिलेंस टीम से की थी। मामले में जेई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर की एसपी इंदू सिद्धार्थ ने बताया कि हापुड़ नगर पालिका के जलकल विभाग में कुंवरपाल जेई (अवर अभियंता) पद पर तैनात है। दो सितंबर को मैसर्स चौधरी सिक्योरिटी सर्विस एंड प्लेसमेंट के मालिक ने उनसे शिकायत की थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें पीड़ित ने बताया कि उसके पास हापुड़ नगर पालिका परिषद में नलकूप संचालन का ठेका माह सितंबर माह तक है। फर्म के मासिक बिलों का भुगतान जेई कुंवरपाल के द्वारा सत्यापन के पश्चात बैंक खाते में प्राप्त होता है। कुछ दिन पहले उसने एक जुलाई से 31 जुलाई 2024 तक के करीब 18.92 लाख रुपये के बिल जेई के समक्ष प्रस्तुत किए थे। बिल पास होने पर 16 अगस्त 2024 को दो प्रतिशत टीडीएस काटकर करीब 18.55 लाख रुपये का भुगतान यूनियन बैंक शाखा स्थित फर्म के खाते में भेजा गया। 21 व 30 अगस्त 2024 को जेई कुंवरपाल ने उसे नपा परिसर स्थित उनके आवास पर बुलाया। जेई ने जुलाई माह के बिलों से प्राप्त भुगतान में से 2.30 लाख रुपयों की रिश्वत मांगी। ऐसा न करने पर आगामी बिलों को सत्यापित न करने व फर्म के खिलाफ कार्रवाई कर ठेका निरस्त कराने की धमकी दी। इसे बाद लगातार जेई पीड़ित पर रिश्वत देने का दबाव बना रहा था। एसपी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद उनकी अगुवाई में आठ सदस्य टीम ने जेई को रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। शनिवार दोपहर वह टीम के साथ नगर पालिका परिषद पहुंची। टीम ने नोटों पर केमिकल लगाकर ठेकेदार को दे दिए, जिसके बाद वह जेई को रिश्वत देने उसके आवास पर पहुंचा। जैसे ही ठेकेदार ने जेई को रिश्वत के 2.30 लाख रुपये दिए वैसे ही टीम ने उसे दबोच लिया। नोटों व जेई के हाथों पर लगे केमिकल का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। आरोपित के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली है। नपा के अधिकारियों ने भी जेई के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही उसका निलंबन भी किया जाएगा। गिरफ्तार जेई कुवंरपाल कुछ साल पहले ही सरकारी नौकरी मिली थी। नपा के कुछ कर्मचारियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जेई को जल्दी अमीर बनने की चाह थी। जिसके चलते वह रिश्वतखोर बन गया। इतना ही नहीं पहली बार ऐसा हुआ है कि रिश्वत लेते नगर पालिका से किसी को गिरफ्तार किया गया है।
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