एक समय भारत में चलता था 10 हजार रुपये का नोट

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भारतीय रिजर्व बैंक ने कल दो हजार रुपये के नोट के प्रसार को रोकने को लेकर सभी बैंकों को निर्देश जारी किया था। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दरअसल आरबीआई द्वारा इन नोटों को अमान्य घोषित नहीं किया गया है, बल्कि 2 हजार रुपये के नोटों के सर्कुलेशन को रोकने को लेकर आदेश जारी किया गया है। अगर किसी के पास 2 हजार रुपये का नोट है तो वह 30 सितंबर 2023 तक अपने नोटों को बदलवा सकता है। लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि 2 हजार रुपये का नोट हमारी भारतीय मुद्रा में सबसे बड़ा नोट है तो आप गलत हैं। क्योंकि इससे पहले भारतीय करेंसी में 10 हजार रुपये का भी नोट हुआ करता था।

मीडिया सूत्रों की माने तो, देश में पहली बार नोटबंदी आजादी के पहले साल 1946 में हुई थी। भारत के वायसराय और गर्वनर जनरल सर आर्चीबाल्ड वेवेल ने 12 जनवरी 1946 को हाई करेंसी वाले बैंक नोटों को डिमोनेटाइज करने का अध्यादेश लाने का प्रस्ताव दिया था। भारत रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोटों को चलन से बाहर का करने का फैसला किया है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने यह साफ किया है कि 2000 के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे, ऐसे में यह फैसला नोटबंदी नहीं है। आरबीआई ने यह भी कहा है कि 2000 के नोट 30 सितंबर तक बैंकों में जमा किए या बदले जा सकेंगे। इसकी प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी। देश में कई मौकों पर लीगल टेंडर या चलन में मौजूद नोटों से जुड़े कई फैसले लिए गए हैं।

Image Source : IndiaTV Hindi

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