मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 5023 और पीजी की 5000 हजार सीटों को बढ़ाने को हरी झंडी दे दी। सीटों की यह बढ़ोतरी अगले तीन साल में की जाएगी। पिछले एक दशक में देश में एमबीबीएस और पीजी की सीटों में 127 से 143 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसी तरह से मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा बढ़कर 808 हो चुकी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रति सीट बढ़ाने पर 1.5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके तहत 2025-26 से 2028-29 के बीच कुल 15,034 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। जिनमें से केंद्र सरकार 10,303 करोड़ और राज्य सरकारें 4731 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में खासतौर पर उन राज्यों पर ज्यादा जोर दिया गया है, जिनमें एमबीबीएस और पीजी की सीटें अपेक्षाकृत कम हैं। इससे इन राज्यों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में इस समय एमबीबीएस की 123,700 सीटें हैं, जिनमें 69,532 सीटें पिछले एक दशक में जोड़ी गईं। इसी तरह से पिछले एक दशक में पीजी की 43,041 सीटें बढ़ चुकी है। ध्यान देने की बात है कि इस साल बजट में अगले पांच साल में देश में मेडिकल की कुल 75,000 नई सीटें बढ़ाने का ऐलान किया गया था। इसी तरह से कैबिनेट ने साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैथमेटिकल साइंस में नई शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 2277 करोड़ रुपये की एक योजना को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दी है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में अनुसंधान के ढांचे और मानव संसाधनों का विकास करना है।
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