भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में किंग कोबरा की आबादी बढ़ाने की दिशा में कर्नाटक से लाए गए दो मेल किंग कोबरा को वन विहार भोपाल में रखा गया है। इसके बदले में प्रदेश सरकार वन विहार से बाघ और बाघिन का जोड़ा कर्नाटक को देगी। इसके लिए पहले ही अनुबंध कर लिया गया था। वर्षाकाल के बाद बाघ का जोड़ा कर्नाटक भेजा जाएगा।
वहीं वन विहार में दो मेल किंग कोबरा में से एक किंग कोबरा इंदौर चिड़ियाघर भेजा जाएगा। इंदौर चिड़ियाघर में एक मादा किंग कोबरा है।
प्रदेश सरकार कर्नाटक के साथ ही छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा को भी बाघ देगी। राज्य सरकार इन तीनों राज्यों को 15 बाघ देगी।
इनमें छत्तीसगढ़ को आठ बाघ (दो बाघ, छह बाघिन), राजस्थान को चार बाघिन एवं ओडिशा को तीन (एक बाघ, दो बाघिन) दिए जाएंगे।
इसको लेकर सहमति बन गई है। बांधवगढ़, पेंच एवं कान्हा टाइगर रिजर्व से ये बाघ भेजे जाएंगे।
इसके लिए यह शर्त भी रखी गई है कि बाघ एवं बाघिन को भेजने की प्रक्रिया पशु चिकित्सकों की टीम की देखरेख में की जाए।
बाघों के जीवन को किसी प्रकार का खतरा न हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।
बाघों को भेजने का पूरा खर्च संबंधित राज्य को ही उठाना होगा और इसकी विधिवत अनुमति भारत सरकार से लेनी होगी।
वन विहार से मेल किंग कोबरा इंदौर चिड़ियाघर भेजने या वहां से मादा किंग कोबरा वन विहार लाने को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। हमारा प्रयास अन्य राज्य से एक मादा किंग कोबरा लाने का भी है। एल कृष्णमूर्ति, एपीसीसीएफ वन्यप्राणी मुख्यालय, भोपाल।
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News & Image Source: khabarmasala