प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि “वाराणसी में शिव की नगरी हो या वरकला में शिवगिरी, भारत की ऊर्जा का हर केंद्र, सभी भारतीयों के जीवन में विशेष स्थान रखता है। ये स्थान केवल तीर्थ भर नहीं हैं, ये आस्था के केंद्र भर नहीं हैं, ये ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के जाग्रत प्रतिष्ठान हैं।”
उन्होंने कहा कि आज के शुभ अवसर पर मुझे आपके साथ जुडने का मौका मिला है। तीर्थदानम की 90 सालों की यात्रा और ब्रम्ह विद्यालयों की गोल्डन जुबिली ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, ये भारत के उस विचार की भी अमर यात्रा है जो अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग माध्यमों के जरिए आगे बढता रहा है, भारत के दर्शन को जीवन्त बनाए रखने में, भारत के इस आध्यात्मिक और वैज्ञानिक विकास यात्रा में, केरल ने हमेशा अहम योगदान निभाया है और जरूरत पडने पर नेतृत्व भी किया है वरकला को तो सदियों से दक्षिण की काशी कहा जाता है। काशी चाहे उत्तर में हो या दक्षिण में हो, वाराणसी में शिव की नगरी हो या वरकला में शिवगिरी, भारत की ऊर्जा का हर केंद्र हम सभी भारतीयों के जीवन में विशेष स्थान रखता है ये स्थान केवल तीर्थ भर नहीं है ये आस्था के केन्द्र भर नहीं है ये एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को एक प्रकार से उसका जाग्रत प्रतिष्ठान है।