कोरिया के किसान फूलों से बनेंगे लखपति ! होगा लाखों रुपये का मुनाफ़ा, बनी है ये योजना

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कोरिया: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में गेंदा के फूलों की खेती करने का प्रयोग किया जा रहा है. पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत 17 किसानों ने इस नई पहल को अपनाया और 10 हेक्टेयर भूमि पर गेंदा फूल की खेती की शुरुआत की। प्रति हेक्टेयर करीब 5,330 पौधे लगाए गए हैं, जो 65-70 दिनों में तैयार हो जाएंगे। अगर सबकुछ प्लानिंग के मुताबिक़ रहा तो जिले के किसान लाखों रुपये कमाएंगे।

कोरिया जिले में पहली बार गेंदा फूल की खेती का प्रयोग किया गया है, जो किसानों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आ रही है। गेंदा फूल की खेती में प्रति हेक्टेयर करीब 50,000 रुपए की लागत आई है। विशेषज्ञों के अनुसार अच्छी पैदावार के बाद प्रति हेक्टेयर 2 से 2.5 लाख रुपए तक का मुनाफा होने की संभावना है।

झरनापारा के किसान संजय पैकरा बताते हैं कि पहले धान और दलहन की खेती से मुश्किल से 25-30 हजार रुपए की आमदनी हो पाती थी। अब गेंदे की खेती और ड्रिप एरिगेशन तकनीक अपनाने के बाद 150-200 क्विंटल फूल उत्पादन की संभावना है, जिससे उनकी आय में काफी बढ़ोतरी होगी।

फसल चक्र में बदलाव से बढ़ेगी आय

ग्राम बुड़ार के किसान उदराज ने बताया कि पहले धान की खेती से मात्र 10-20 हजार रुपए तक का मुनाफा होता था। लेकिन अब ड्रिप एरिगेशन तकनीक के इस्तेमाल से वह 100-120 क्विंंटल फूल उत्पादन कर 50 हजार से 1.5 लाख रुपए तक कमा सकते हैं।

इसी तरह, ग्राम रनई की आशा देवी ने कहा कि पहले धान, दलहन और तिलहन की खेती से 20 हजार रुपए से ज्यादा की आमदनी नहीं हो पाती थी। अब गेंदा फूल की खेती से उनकी आय में 2 से 2.5 लाख रुपए तक की वृद्धि होने की उम्मीद है।

ड्रिप एरिगेशन से बेहतर उत्पादन

ड्रिप एरिगेशन तकनीक के इस्तेमाल ने न केवल पानी की खपत को नियंत्रित किया है, बल्कि उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि की है। यह तकनीक पानी की बचत के साथ-साथ मेहनत को भी सार्थक बना रही है. उद्यानिकी विशेषज्ञों का कहना है कि गेंदे की खेती का यह प्रयोग अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनेगा।

किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद

धान, दलहन और तिलहन जैसी पारंपरिक फसलों से सीमित आय प्राप्त करने वाले किसान अब गेंदा फूल की खेती को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस पहल ने फसल चक्र में बदलाव और आधुनिक तकनीकों के उपयोग का एक सफल उदाहरण पेश किया है।

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News & Image Source: khabarmasala

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