पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय का धरना-प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। मीडिया सूत्रों की माने तो, इसके कारण आज फिर करीब 64 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी। इससे पहले गुरुवार को भी 85 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी थी। दक्षिण पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। कुर्मी समुदाय द्वारा रेल नाकाबंदी के कारण स्थानीय और लंबी दूरी के यात्रियों को काफी नुकसान हुआ है। ये समूह कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इन मांगों में समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता, सरना धर्म को मान्यता और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करना शामिल है।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर, पश्चिम बंगाल में विभिन्न कुर्मी समुदायों के तीन दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप शुक्रवार को खड़गपुर-टाटानगर और आद्रा-चंडिल के महत्वपूर्ण दक्षिण पूर्व रेलवे खंडों में कम से कम 64 एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं। विभिन्न कुर्मी समुदायों द्वारा रेल नाकाबंदी के कारण स्थानीय और लंबी दूरी के यात्रियों को काफी नुकसान हुआ है। ये समूह कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन मांगों में समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता, सरना धर्म को मान्यता और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करना शामिल है।
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