केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेलों में कैदियों की भीड़भाड़ कम करने के लिए एक कदम उठाते हुए उन गरीब लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने का फैसला किया है, जो केवल जुर्माना या जमानत देने में असमर्थ होने के कारण जेलों में बंद हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय ने कहा कि इससे गरीब कैदी जेल से बाहर निकल सकेंगे। इनमें से ज्यादातर सामाजिक रूप से वंचित या कम शिक्षा और कम आमदनी वाले हाशिए के समूहों से आते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में गरीब कैदियों के लिए मदद के लिए विशेष प्रबंध करने का ऐलान किया था।
मीडिया सूत्रों की माने तो, भारत सरकार देश की जेलों में बंद गरीब कैदियों की मदद के लिए योजना बना रही है। जिसमें वो गरीबी की वजह से मामूली जुर्माना तक न भर कर जेलों में बंद होकर जिंदगी गुजार रहे कैदियों का उद्धार करेगी। इस योजना के अन्तर्गत हजारों लोगों को जैल की दुष्कर जिंदगी से आजादी मिलेगी। विदित हो कि, भारत की अधिकतर जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। इनमें से बहुत सारे कैदी ऐसे हैं, जिनके अब तक ट्रायल तक शुरू नहीं हुए हैं, तो बहुत सारे ऐसे भी कैदी हैं, जो महज 500 या 1000 रुपये न होने के चलते जेलों में बंद हैं।
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