मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को सूरत जिले के नवगठित अंबिका तालुका के वासराई में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय व्यापार मेला-2025 का उद्घाटन किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “लोकल के लिए वोकल, ग्लोबल के लिए लोकल” का नारा इस मेले के माध्यम से प्रभावी रूप से साकार होगा। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेला विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में आदिवासी उद्योगों, पारंपरिक कारीगरों, हस्तशिल्प और लघु एवं मध्यम उद्यमों के योगदान को एक नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का आयोजन आदिवासी समुदाय और सहयोगी संगठनों के सामूहिक प्रयासों से किया गया है, जिसका उद्देश्य आदिवासी युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना और लघु एवं मध्यम उद्यमों, उद्यमियों और व्यवसायों को व्यापार एवं औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इस मेले में 370 से अधिक स्टॉल शामिल हैं, जिनमें 80 से अधिक आदिवासी व्यंजन स्टॉल, देश भर से 700 से अधिक प्रतिनिधि और एमएसएमई केंद्रित व्यापार कार्यशालाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी मजबूत करेगा। वित्त एवं शहरी विकास मंत्री कनुभाई देसाई, जनजातीय विकास मंत्री नरेश पटेल और राज्य मंत्री जयराम गामित की उपस्थिति में, मुख्यमंत्री ने सूरत जिले में सड़क एवं भवन विभाग द्वारा शुरू की गई 858 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का ई-शिलान्यास और ई-उद्घाटन भी किया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने स्वयं सहायता महिला समूहों, स्टार्टअप्स और कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से युवाओं को नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वालों में परिवर्तित करके प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता और स्वदेशी के दृष्टिकोण को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई 2 लाख करोड़ रुपये की जनजातीय कल्याण योजना का भी उल्लेख किया और इसे देशभर में आदिवासी समुदायों के समग्र विकास के लिए मार्गदर्शक शक्ति बताया। जनजातीय विकास मंत्री नरेश पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जो विकास यात्रा शुरू की थी, उसे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय व्यापार मेले का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करना और साथ ही उद्योग और व्यवसाय में जनजातीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। महुवा के विधायक मोहन धोडिया ने कहा कि सरकार आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने के लिए उनके दरवाजे तक पहुंच चुकी है और उन्होंने इस मेले को आदिवासी उद्यमियों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने अंबिका तालुका के गठन पर राज्य सरकार को बधाई भी दी। समस्त आदिवासी समाज के अध्यक्ष प्रदीप गरासिया ने बताया कि मेले में लगभग 400 स्टॉल शामिल हैं और इसका उद्देश्य ‘वोकल फॉर लोकल’, प्राकृतिक खेती और आदिवासी खान-पान की परंपराओं को बढ़ावा देना है, साथ ही उद्यमियों को स्वरोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि एक पर्यावरण-अनुकूल व्यापार केंद्र स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरा सिंह आर्य और अनुसूचित जनजाति कल्याण संसदीय समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष भाविनी पटेल, बरदोली सांसद प्रभुभाई वसावा, वलसाड सांसद धवलभाई पटेल, कई विधायक, वरिष्ठ अधिकारी और राज्य भर के आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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