जनजातीय समाज को सम्मानित करने में पीएम मोदी का योगदान, केंद्रीय मंत्री उइके ने सराहा

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 से अब तक जितनी योजनाएं बनाई वे भारत को एकसूत्र में पिरोने वाली हैं। उन्होंने जनजातीय समाज को पूरा सम्मान दिया और उनकी मर्यादा का ख्याल किया। केन्द्रीय राज्यमंत्री उइके  भोपाल के पलाश होटल में भारत सरकार के आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय मास्टर्स ट्रेनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण सत्र में 17 जिलों के 104 मास्टर ट्रेनर्स ने भाग लिया। उल्लेखनीय है आदि कर्मयोगी अभियान का उददेश्य प्रदेश में राज्य, जिला और विकासखंड स्तर पर तीन लाख प्रतिबद्ध मास्टर ट्रेनर्स का गतिशील कैडर तैयार करना है, जो जनजातीय क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवा तंत्र को मजबूत करेगा।

केन्द्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री उइके ने कहा कि जनजातीय समाज के खान-पान को प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सम्मान दिलाया। ज्वार, बाजरा, मक्का, कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज अब श्रीअन्न के रूप में अंतर्राष्ट्रीय बाजार की शोभा बन गये हैं। जनजातीय क्षेत्रों में सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी के इलाज पर आज ध्यान दिया जा रहा है, जो वर्षो जानलेवा बनी रही। जनजातीय क्षेत्रों के गांवों में क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के सेवाभाव और सबका साथ-सबका विकास जैसी सोच के साथ चलाने वाली योजनाओं से यह संभव हो पाया है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जैसा संत स्वरूप व्यक्तित्व देश को मिला है जो सबकी चिंता करता है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी में दूरदृष्टि है। वे बदलते भारत की तस्वीर देखने में सक्षम हैं और उसी के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2047 तक विकसित भारत की सोच इसी का परिणाम है। अब सबकी साझा जिम्मेदारी है कि इसे धरती पर उतारने में पूरी तरह जुट जायें। सनातन धर्म में स्पष्ट है जो देगा वह पायेगा। इसलिए सेवाभाव को सबसे पहले आत्मसात करें। उन्होंने कहा जनजातीय समुदाय के बारे में उन लोगों ने कभी सोचा नहीं जिनके हाथ में सत्ता थी। मुगलों और अंग्रेजों ने भी शोषण में कमी नहीं की।

उइके ने कहा कि आदि कर्मयोगी पकल्प से जुड़े मास्टस ट्रेनर चैतन्य आत्माएं हैं। जैसे जनजातीय समाज प्रकृति को पूरी संवेदनशीलता के साथ अंगीकार करता है उसी भाव से ऐसे समाज के बीच काम करने की आवश्यकता है। यह ख्याल रखना जरूरी है कि जनजातीय समाज एक विकसित संस्कृति को धारण करने वाला समाज है। इसी विशाल सोच को प्रधानमंत्री मोदी ने आदि कर्मयोगी का आधार बनाया है। यह सामान्य कार्य नहीं है। इसे इश्वरीय कार्य के रूप में पूरी चेतना के साथ करने करने की आवश्यकता है।

जनजातीय परिवारों की सेवा सच्चे अर्थो में मानव सेवा : मंत्री डॉ. शाह

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि जनजातीय समाज के परिवारों की सेवा करना सच्चे अर्थो में मानव सेवा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोककल्याणकारी सोच से आदि कर्मयोगी अभियान जैसी पहल सामने आई है। जनजातीय परिवारों के हितों का संरक्षण करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदायों के समग्र विकास पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जनजातीय समुदायों को सामाजिक आर्थिक रूप से आगे लाने के नये-नये प्रकल्प बनाये जा रहे हैं।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति की आराधना करने वाला समाज है। आजादी के बाद जनजातीय समुदायों के विकास पर जिन्हें गंभीरता से काम करना चाहिए था उन्होने ध्यान नहीं दिया। आज प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय विकास की जम्मेदारी उठाते हुए पीएम जनमन योजना, धरती आबा योजना और आदि कर्मयोगी जेसे कदम उठाये हैं। इसके लिए पूरा जनजातीय समाज उनका मन से आभार व्यक्त करता है।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सड़क, बिजली और स्वास्थ्य, पीने के पानी जैसे आधारभूत सुविधाओं की बेहद कमी थी। आज इन क्षेत्रों में बदलाव साफ नजर आता है। इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी जैसी दूरदृष्टि और सबका साथ सबका विकास जैसी सोच रखने वाले विराट व्यक्तित्व की सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी से जुड़कर जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के प्रति समर्पित करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों की छोटी छोटी समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकता है। इसके लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर काम करने की रणनीति अपनाना होगी। उन्होने कहा केन्द्र और राज्य ने जनजातीय विकास की कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें प्राथमिकताएं तय करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने कई योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए वनवासियों को वनभूमि पर अधिकार देने के मामलों में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है।

इस अवसर पर प्रतिभागी प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स को प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। अततिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय कार्य श्रीमन शुक्ला, भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण के दौरान हुए अनुभवों को साझा किया।

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News & Image Source: khabarmasala

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