मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने विश्व शौचालय दिवस 2025 पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान, “हमारा शौचालय, हमारा भविष्य” शुरू किया है। 19 नवंबर को शुरू हुआ यह राष्ट्रव्यापी अभियान 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस तक चलेगा, जिसका उद्देश्य शौचालयों के महत्व को याद दिलाना और बढ़ावा देना तथा आज समुदायों को सुरक्षित और उचित स्वच्छता प्रदान करने और एक सुरक्षित और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए उनके रखरखाव की आवश्यकता को बताना है। यह सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) और व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों (आईएचएचएल) के लिए ग्रामीण शौचालयों की कार्यक्षमता के मूल्यांकन, मरम्मत और सौंदर्यपरक सुधार पर भी ज़ोर देता है। यह अभियान स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के उद्देश्यों के अनुरूप है। यह अभियान समुदायों, विशेषकर स्कूलों में, स्वच्छता संबंधी प्रथाओं और स्वच्छता का पालन करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाएगा। एक बयान के अनुसार, यह मल के उचित प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें रेट्रोफिटिंग या सामुदायिक मल कीचड़ प्रबंधन व्यवस्था की ओर बढ़ना शामिल है। जनभागीदारी राष्ट्र में सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए सामूहिक जिम्मेदारी को सुदृढ़ करेगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के शुभारंभ के बाद से स्वच्छता प्रथाओं और ग्रामीण शौचालयों तक पहुंच में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इससे गांव खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गए हैं, और 2019 तक 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-II 2020 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य ओडीएफ प्लस मॉडल गाँव के एक प्रमुख घटक के रूप में ओडीएफ स्थिरता सुनिश्चित करना है। ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान के दौरान, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत निर्मित जमीनी प्रणालियों को मजबूत करने पर काम करने का अनुरोध किया गया है। इस अभियान को विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों की सहभागिता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर अभियान अवधि के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के लिए ज़िम्मेदारियाँ आवंटित की गई हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर सभी संबंधित विभागों की सहभागिता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे स्थानीय प्रतिष्ठित हस्तियों/पद्म पुरस्कार विजेताओं/सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों/वरिष्ठ नागरिकों/युवा समूहों (एनएसएस, एनवाईकेएस, एनसीसी, आदि) और स्कूली बच्चों की पहचान करें और उन्हें जागरूकता फैलाने तथा शौचालय के उपयोग और स्वच्छता को बनाए रखने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों में सहयोग प्रदान करने के लिए शामिल करें। स्वच्छता कर्मियों का सम्मान और पात्र लाभार्थियों को आईएचएचएल स्वीकृति पत्र वितरित करना भी इस अभियान का हिस्सा है। यह अभियान मानवाधिकार दिवस, 10 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा।
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