प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जल पर अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन में वीडियो संदेश के माध्यम से कहा है कि, जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में हमें जनता जनार्दन को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज़्यादा से ज़्यादा जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि, हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षण में राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। ऐसे में Water vision 2047 अगले 25 वर्षों के अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने बताया कि, जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी की सोच को जनता के मन में जगाना है। हम इस दिशा में जितना ज़्यादा प्रयास करेंगे उतना ही अधिक प्रभाव पैदा होगा। उन्होंने बताया कि, जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस कार्य में विभिन्न स्टार्टअप भी सहयोग कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जब लोग जुड़े तब जनता में भी चेतना और जागरूकता आई। सरकार ने संसाधान जुटाए,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और शौचालय जैसे अनेक कार्य किए। लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने सोचा कि गंदगी नहीं फैलानी है जनता में यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जगानी होगी। उन्होंने कहा कि, इंडस्ट्री और खेती दो ऐसे सेक्टर्स हैं, जिसमें पानी की आवश्यकता अधिक होती है। इन दोनों सेक्टर्स को मिल कर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि, हमारे देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और जब शहरीकरण की रफ़्तार ऐसी हो तो हमें पानी के विषय में पूरी गंभीरता से सोचना चाहिए।
News & Image Source : (Twitter) @BJP4India
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