स्विट्जरलैंड: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार UNHRC के 52वें सत्र में वाइस चेयरमैन, JSMM साजिद शर ने कहा कि, ‘पाकिस्तान में सिंध के लोग पिछले 75 वर्षों से गुलामी, अपमान, राजनीतिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण से पीड़ित हैं। पाकिस्तान सिंध को एक उपनिवेश के रूप में मान रहा है और लोगों को उनकी मातृभूमि, संस्कृति, भाषा और राजनीतिक स्वतंत्रता से वंचित कर रहा है। पाकिस्तान सिंध के आर्थिक संसाधनों, खनिज भंडार, राष्ट्रीय संपदा, नदियों, समुद्रों को लूट रहा है और जनसांख्यिकी को बदल रहा है। पत्रकारों, लेखकों, कवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित सिंध के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को आईएसआई (राज्य एजेंसियों) द्वारा जबरन गायब किया जा रहा है और उनकी आवाज को दबा दिया जा रहा है।’ उन्होंने यहाँ बताया कि, सिंध के लोग बाढ़ के कारण रुके हुए पानी के कारण सबसे बुरी तरह की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। बाढ़ ने सिंध में लोगों के घरों, संपत्ति और फसलों का भी काफी नुकसान किया है। पाकिस्तान ने जानबूझकर इन लोगों को मरने के लिए अकेला छोड़ दिया है इसलिए मैंने UN बॉडिज से आग्रह किया कि वे पाकिस्तानी सरकार से सिंधी राष्ट्र के उत्पीड़न और गुलामी को तुरंत बंद करने का आह्वान करें। साजिद शर ने यहाँ कहा कि, इसके अलावा हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सिंध में स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और सिंधी राष्ट्र की चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं। यह आवश्यक है कि सिंधी राष्ट्र की आवाज सुनी जाए और उनके मानवाधिकारों की रक्षा की जाए।
News & Image Source: Twitter (@AHindinews)
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