उज्जैन: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक आप रोप-वे से आ-जा सकेंगे। इसके लिए ओडिशा की एमएस इंफ्रा इंजीनियर कंस्ट्रक्शन कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिला है। कंपनी ने इनिशियल वर्क भी शुरू कर दिया है।
उज्जैन रेलवे स्टेशन से नूतन स्कूल-महाकाल मंदिर प्रशासक कार्यालय तक बनने वाला यह रोप-वे 1.76 किलोमीटर लंबा होगा। मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (MDG) सिस्टम से ऑपरेट होने वाले रोपवे में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 3 स्टेशन बनाए जाएंगे।
रोप-वे में 48 केबिन होंगे। हर 1 केबिन में एक समय में 10 लोग आ-जा सकेंगे। रोप-वे 16 घंटे चालू रहेगा। इस हिसाब से मोटे तौर पर माना जा रहा है कि 16 घंटे में 64 हजार श्रद्धालु इसमें आना-जाना कर सकेंगे। रेलवे स्टेशन से आखिरी स्टेशन तक पहुंचने में करीब 6 मिनट का समय लगेगा। रोपवे 2026 तक शुरू हो जाएगा।
रोजाना दो से ढाई लाख भक्त आते हैं उज्जैन सिहस्थ 2028 काे देखते हुए रोपवे को बेहद अहम माना जा रहा है। श्री महाकाल लोक बनने के बाद से सामान्य दिनों में ही महाकाल के दर्शन करने के लिए रोजाना औसतन दो से ढाई लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।जबकि पर्व-त्योहार और विशेष अवसरों पर ये संख्या बढ़कर 5 लाख से 10.50 लाख तक पहुंच रही है।
ऐसे में शहर में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रोपवे की प्लानिंग की गई है। इसके लिए केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने 189 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे रखी है। रोपवे का विकास, संचालन और रखरखाव नेशनल हाईवे-रोपवे प्रोजेक्ट करेगा।
ऐसे होगा रोपवे का रूट
रोपवे उज्जैन रेलवे स्टेशन से त्रिवेणी होते हुए गणेश कॉलोनी तक जाएगा। जिसकी कुल लंबाई 1.76 किलोमीटर होगी। इसमें तीन स्टेशन 13 टावर और 48 केबिन होंगे। इनमें से प्रत्येक केबिन में लगभग 10 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। यात्रा का समय लगभग सात मिनट होगा।
2026 तक पूरा हो जाएगा काम
उज्जैन में प्रशासनिक परिसर भवन में शुक्रवार को हुई बैठक में रोपवे परियोजना के विवरण पर चर्चा की गई है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि रोपवे परियोजना अक्टूबर 2024 में शुरू होगी और अक्टूबर 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
पर्यटन को मिलेगा फायदा
पर्वतमाला योजना के अतंर्गत नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट कंपनी और एमपी सड़क विकास निगम के बीच उज्जैन में रोपवे बनाने के लिए समझौता हुआ।इससे लोगों को आवाजाही में सुविधा होगी और पहाड़ी इलाकों तक पहुंच आसान हो जाएगी। एनएचएलएमएल और एमपीआरडीसी मिलकर इस परियोजना को पूरा करेंगे। इस महत्वकांक्षी योजना से हर दिन हजारों लोग आसानी से सफर कर सकेंगे। इसके साथ ही पर्यटन को लाभ मिलेगा।
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News & Image Source: khabarmasala