मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण से बेहाल है।। संसद में विपक्ष लगातार प्रदूषण पर चर्चा की मांग कर रहा था। बिगड़ते वायु प्रदूषण संकट को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार की गई मांग के बाद आज सरकार प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। दरअसल, संसद में विपक्षी सदस्यों द्वारा हवा की खराब गुणवत्ता और मौजूदा उपायों की प्रभावशीलता पर लगातार चिंता जताए जाने के बाद यह चर्चा हो रही है। विपक्षी सदस्यों के सवालों के बाद लोकसभा में शाम 5 बजे पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव सवालों, आपत्तियों और सुझावों का जवाब देंगे। लोकसभा में प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा सरकार की बढ़ती आलोचनाओं को दूर करने और खतरनाक प्रदूषण स्तर से निपटने की रणनीति बताने का संकेत है। यह मुद्दा संसद की कार्यवाही पर हावी रहा, जिसमें कई सांसदों ने केंद्र सरकार से गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने की उसकी तैयारी और दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर सवाल उठाए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डीएमके राज्यसभा सदस्य डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू ने पूछा कि क्या सरकार अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर एयर प्यूरीफायर लगाने के लिए फंड आवंटित कर रही है। बहस के दौरान जवाब देते हुए, भूपेंद्र यादव ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और सहमति जताई कि वायु प्रदूषण ‘एक बड़ी समस्या’ है। उन्होंने जन जागरूकता और प्रवर्तन के महत्व पर जोर दिया, और कहा कि नागरिकों को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रीडिंग और स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों के बारे में जागरूक होना चाहिए। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार जागरूकता और प्रवर्तन दोनों तंत्रों पर काम कर रही है, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत, देश भर के 130 शहरों में वायु गुणवत्ता सुधार पहल वर्तमान में चल रही है। भूप्रेंद्र यादव ने कहा कि हानिकारक औद्योगिक उत्सर्जन को रोकने और प्रवर्तन कमियों को दूर करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
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