मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय (सीईओ) ने मतदाता सूची सुधार के लिए विशेष सारांश संशोधन अभियान पूरा होने के बाद सोमवार को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है। इसके मुताबिक दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में कुल एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता है। इस मतदाता सूची के आधार पर दिल्ली विधानसभा चुनाव होगा। खास बात यह कि मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटने व फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाने के पक्ष व विपक्ष की तरफ से आरोप प्रत्यारोप बहुत लगाए गए। फिर भी लोकसभा चुनाव के बाद साढ़े छह माह में ही दिल्ली में तीन लाख 22 हजार 922 मतदाता बढ़ गए। इससे पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले पांच वर्ष में करीब सात लाख 38 हजार से अधिक मतदाता बढ़े हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा महिला सम्मान की घोषणा के बाद भारी संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिए है। इस वजह से 16 दिसंबर के के बाद मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आवेदन देने वाले करीब पांच लाख दस हजार लोगों का नाम अभी मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीईओ कार्यालय का कहना है कि विशेष सारांश संशोधन अभियान के तहत दावे और आपत्तियों का आवेदन देने के लिए 29 अक्टूबर से 28 नवंबर तक की तारीख तय थी और 24 दिसंबर तक उसका निपटारा किया जाना था। इस निर्धारित तिथि के बाद भी बड़ी संख्या में आवेदन मिले। इसलिए 15 दिसंबर तक मिले आवेदन को मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया है। 16 दिसंबर के बाद अप्रत्याशित रूप से बहुत ज्यादा आवेदन मिले। चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार इन आवेदनों की सख्ती से जांच करने का निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) को निर्देश दिए गए हैं। सत्यापन के बाद उन लोगों का मतदाता पहचान पत्र बनेगा और पूरक मतदाता सूची तैयार होगी। फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आवेदन देने वाले 24 लोगों के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए हैं। इसलिए फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे मतदाता पहचान पत्र बनवाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। सीईओ कार्यालय द्वारा गत 29 अक्टूबर को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में दिल्ली में एक करोड़ 53 लाख 57 हजार 529 मतदाता थे। संशोधन अभियान के दौरान तीन लाख आठ हजार 942 नए मतदाताओं के नाम शामिल किए गए। वहीं एक लाख 41 हजार 613 मतदाताओं के नाम काटे भी गए हैं। इस तरह ड्राफ्ट मतदाता सूची की तुलना में एक लाख 67 हजार 329 मतदाता बढ़े हैं। ड्राफ्ट मतदाता सूची की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक बढ़ी है। वहीं 18 से 19 वर्ष के नए युवा मतदाता भी 52,554 बढ़े हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। 18 से 19 वर्ष के नए मतदाताओं की संख्या दो लाख से अधिक है।
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