दूरसंचार कंपनियों की केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठक, ट्राई के फैसले पर जताई चिंता

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कल नई दिल्‍ली में दूरसंचार क्षेत्र के उपकरण निर्माताओं, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और टेली इलेक्‍ट्रॉनिक इको सिस्‍टम पर नवगठित हितधारक सलाहकार समिति के साथ अलग-अलग बैठक की। बैठक का मुख्‍य बिंदु भारत को दूरसंचार उत्‍पाद विनिर्माण का केंद्र और व्‍यापार को आसान बनाना था। श्री सिंधिया ने कहा कि सभी उद्योग क्षेत्रों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, दूरसंचार उद्योग संघों, वैश्‍विक और स्‍थानीय निर्माताओं को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्‍यकता है, जिससे भारत को दूरसंचार विनिर्माण को केंद्र बनाया जा सके। उन्‍होंने ये आश्‍वासन दिया कि दूरसंचार मंत्रालय इसमें अपना पूरा सहयोग देगा। केंद्रीय मंत्री ने सरकार की योजनाएं जैसे उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन (पीएलआई) का जिक्र करते हुए कहा कि ये योजना दूरसंचार उत्‍पादों के स्‍वदेशी विनिर्माण के प्रोत्‍साहन के लिए बनाई गई है। इससे भारत संचार के क्षेत्र में स्‍थानीय ही नहीं बल्कि वैश्विक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा।

जानकारी के लिए बता दें कि, दूरसंचार कंपनियों ने केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठक में नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश में व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप को शामिल न करने के नियामक ट्राई के फैसले पर चिंता जताई है। सूत्रों ने बताया कि कंपनियों ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भुगतान से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। सिंधिया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) की हितधारक सलाहकार समिति के साथ एक सार्थक बैठक की अध्यक्षता की। साथ मिलकर हमने ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने, प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाने से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की, जिससे सभी के लिए कनेक्टिविटी, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित हो सके।” बैठक में रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी, वोडाफोन-आइडिया (वीआईएल) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मूंदड़ा, भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ गोपाल विट्टल और बीएसएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) रॉबर्ट जे रवि शामिल हुए। सूत्र ने बताया, “सभी कंपनियों ने ट्राई द्वारा सेवा प्राधिकरण पर अपनी सिफारिश में ओवर-द-टॉप (ओटीटी) ऐप को बाहर रखे जाने पर चिंता जताई। वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर का मुद्दा उठाया।” दूरसंचार कंपनियां लंबे समय से कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स (ओटीटी) को दूरसंचार लाइसेंस के दायरे में लाने की मांग कर रही हैं क्योंकि वे किसी भी दूरसंचार कंपनी की तरह कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाएं प्रदान करते हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार कंपनियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया और दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत नए लाइसेंसिंग नियमों पर अपनी सिफारिश से इन ऐप को बाहर रखा।

Image Source : ANI

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