मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब 23 सितंबर को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इससे पहले धनतेरस के दिन आयुर्वेद दिवस मनाया जाता था। आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से इस बदलाव को मंजूरी दी गई है। आयुर्वेद भारत की पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा प्रणाली है, जो प्राचीन ज्ञान और सतत जीवनशैली पर आधारित है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय ने कहा, धनतेरस कार्तिक माह में मनाया जाता है। हर साल धनतेरस की तारीख बदलने के कारण आयुर्वेद दिवस के आयोजन में होने वाली दिक्कतों के कारण 23 सितंबर को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। 23 सितंबर को दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। यह खगोलीय घटना प्रकृति में संतुलन का प्रतीक है, जो आयुर्वेदिक दर्शन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जो मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन पर जोर देती है। आयुष मंत्रालय ने 2016 में पहली बार राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की घोषणा की थी। आरोग्य के देवता धन्वंतरि की जयंती धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। पहला आयुर्वेद दिवस 28 अक्टूबर 2016 को मनाया गया था।
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