मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध के नौसैनिक इरा आइक शाब का 105 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे 1941 में पर्ल हार्बर पर हुए जापानी हमले में बचे हुए लोगों में से एक थे। उनकी बेटी किंबर्ली हेनरिक ने बताया कि शाब का निधन शनिवार तड़के घर पर हुआ। उनके निधन के साथ ही उस हमले में बचे लोगों की संख्या अब करीब एक दर्जन ही रह गई है। हमले में 2,400 से अधिक सैनिक मारे गए थे और जिसने अमेरिका को युद्ध में धकेल दिया था। हमले के समय शाब मात्र 21 वर्ष के नौसैनिक थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकागो में 1920 को जन्मे शाब तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए 18 वर्ष की आयु में नौसेना में भर्ती हो गए। शाब के बेटे ने भी नौसेना में भर्ती होकर सेवा की और वे एक सेवानिवृत्त कमांडर हैं। शाब ने युद्ध का अधिकांश समय प्रशांत महासागर में नौसेना के साथ बिताया। युद्ध के बाद उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और जनरल डायनेमिक्स में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में अपोलो अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में काम किया था।
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