धरती को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती आवश्यक – शिवराज सिंह

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Madhya Pradesh Chief Minister Shivraj Singh Chauhan virtually attending Neeti Aayog workshop on Innovative Agriculture

मप्र के मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में वर्चुअली सम्मिलित होते हुए कहा कि धरती को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती आवश्यक है। उन्होंने कहा कि –
“प्रदेश के कई क्षेत्रों में किसान प्राकृतिक खेती करते हैं। मैंने भी कुछ भाग में इसे करना प्रारंभ किया है। धरती को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती आवश्यक है। हमने तय किया है कि हम मां नर्मदा जी के दोनों तटों पर पूरी ताकत से प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने का कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती के पक्ष में वातावरण बनाने के लिए हम पूरे प्रदेश में कार्यशालाओं का भी आयोजन करेंगे। हमारे जनजातीय क्षेत्रों में अभी भी किसान रासायनिक खादों का उपयोग नहीं करते हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में रासायनिक खादों के उपयोग से जल एवं भूमि संबंधित संकट गहराते जा रहे हैं। इसलिए मध्यप्रदेश में हम जैविक खेती को जारी रखते हुए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का काम करेंगे। प्राकृतिक खेती अभी भी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में होती है। लोगों को उपदेश देने के पहले स्वयं अमल करना चाहिए, इसलिए मैंने अपने खेतों में 5 एकड़ में प्राकृतिक खेती करने का निर्णय लिया है। अपने मंत्री मित्रों से भी कहा है कि पूरी नहीं तो कुछ भाग में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करें। 1 लाख 65 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है, हम उन्हें सहयोग व प्रोत्साहित करेंगे। हम हर ब्लॉक में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करेंगे, जो ट्रेनिंग देकर किसानों को प्राकृतिक खेती हेतु प्रेरित करेंगे। इसके लिए हम कार्यकर्ताओं को मानदेय भी देंगे। प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय होगी, तो किसान जीवामृत और घन जीवामृत बना सकेगा। इसलिए हमने किसान को 900 रुपये प्रति माह देने का फैसला किया है। इस तरह एक वर्ष में किसान को कुल 10,800 रुपये मिलेंगे।”
उक्त संदेश मप्र के मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर से शेयर किया।

Image Source : Twitter @ChouhanShivraj

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