भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर 5 फरवरी को लोक निर्माण विभाग के सातों परिक्षेत्रों के एक-एक जिले में मुख्य अभियंताओं के दलों ने औचक निरीक्षण किया। इन औचक निरीक्षणों की खास बात यह रही कि दो दिन पहले तक किसी को यह नहीं पता था कि कौन सा निरीक्षण दल किस जिले में किन निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने वाला है।
औचक निरीक्षण के लिये सात जिलों का चयन रेंडम आधार पर किया गया, जिसमें भोपाल परिक्षेत्र से भोपाल, ग्वालियर परिक्षेत्र से ग्वालियर, जबलपुर परिक्षेत्र से कटनी, इंदौर परिक्षेत्र से धार, रीवा परिक्षेत्र से शहडोल, उज्जैन परिक्षेत्र से रतलाम एवं सागर परिक्षेत्र से पन्ना जिला शामिल था।
सभी सात जिलों में 5-5 निर्माण कार्यों को औचक निरीक्षण हेतु सॉफ्टवेयर के माध्यम से चिन्हित किया गया, जिनमें से तीन कार्य निर्माणाधीन स्तर पर थे एवं दो कार्य परफॉर्मेंस गारंटी वाले थे। इन 5 निर्माण कार्यों में से एक कार्य भवन निर्माण का था।
मंत्री सिंह के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने इन औचक निरीक्षणों के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर से सबसे पहले रेंडम आधार पर मुख्य अभियंताओं के दल निर्मित किए गए और रेंडम आधार पर इन्हें एक-एक जिले का आवंटन किया गया। यह कार्यवाही दो दिन पहले की गई जिससे मुख्य अभियंताओं के दल अपनी यात्रा एवं परिवहन की तैयारी कर सकें। औचक निरीक्षण के एक दिन पहले इन दलों को रेंडम आधार पर चयनित पांच-पांच निर्माण कार्यों की सूची प्रदान की गई। सड़क निर्माण कार्यों में सामग्री के नमूने लेने के लिए रेंडम चैनेज भी सॉफ्टवेयर से ही जनरेट की गई।
प्रदेश के सात जिलो में चयनित 35 कार्यो में से 21 कार्य पी.डब्ल्यू.डी. सड़क एवं पुल के थे, 06 कार्य भवन निर्माण के थे, 6 कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम, 01 कार्य म.प्र. भवन विकास निगम एवं 01 कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग का शामिल किया गया।
मंत्री सिंह के निर्देशानुसार सभी निरीक्षण दलों को उसी दिन अपनी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड करनी है। इन रिपोर्ट्स की समीक्षा दूसरे दिन यानी 6 फरवरी 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर की जाएगी। निरीक्षण के दौरान लिए गए सैंपल्स की लैब रिपोर्ट भी 3 दिन के अंदर प्राप्त कर सीधे सॉफ्टवेयर पर ही अपलोड की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों की जियो टैग्ड फोटो लेकर इन्हें भी सॉफ्टवेयर पर रिपोर्ट के साथ अपलोड करना अनिवार्य था जिससे निर्माण की गुणवत्ता और निरीक्षण कार्यवाही को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
लोक निर्माण विभाग में इस तरह की कार्रवाई पहली बार हुई है। मंत्री सिंह के निर्देशानुसार इस तरह के औचक निरीक्षण हर महीने की पांच और 20 तारीख को किया जाना है। निरीक्षण हेतु दलों का, जिलों का, निर्माण कार्यों का और सामग्री के सैंपल लेने हेतु स्थानो का चयन सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेंडम आधार पर किया जाएगा।
भोपाल जिले में एमपीआरडीसी से महाप्रबंधक पवन अरोडा और जबलपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता भवन आर.के. अहिरवार के दल ने गांधी चिकित्सालय परिसर में नर्सिंग कॉलेज छात्रावास भवन, भोपाल देवास चार लेन मार्ग, बरखेडी कुशलपुरा मार्ग, समसपुर से खारी मार्ग और अचारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के एप्रोच मार्ग का निरीक्षण किया।
अन्य जिलों में निरीक्षण किये गये महत्वपूर्ण निर्माण कार्य इस प्रकार है। कटनी में ढीमरखेड़ा शासकीय महाविद्यालय का निर्माण कार्य। कटनी मेंहटा-पटैरा-कुम्हारी-रैपुरा-सुलैया-बहोरीबद-सिहोरा मार्ग। ग्वालियर में शासकीय महाविद्यालय चीनौर का भवन निर्माण। ग्वालियर में पटेल का पुरा गुरी बंजारों का पुरा। धार में उषापुरा-सिंकदरी-मोहमदपुरा-रोले-कालासुरा-मेटमा रोड़। धार सुंदरई से रामपुरा रोड़ निर्माण। शहडोल में उमरिया शहडोल मार्ग। शहडोल में जनकपुर से दर्गापुर मार्ग। रतलाम में हाई स्कूल भवन कसारी का निर्माण। रतलाम में जाबरा-पिपलोदा रोड़ से पंचेवा सुखेड़ा रोड़। पन्ना से पवई मोहन्द्रा रोड़। पन्ना में पवई बायपास।
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