मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ने वाली है। दो अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत ‘उदयगिरी’ और ‘हिमगिरी’ 26 अगस्त को विशाखापत्तनम में एक साथ नौसेना में शामिल होंगे। इस समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के स्टेल्थ फ्रिगेट्स का हिस्सा हैं। यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल की सफलता को दर्शाती है। नौसेना के लिए एक और उपलब्धि यह है कि ‘उदयगिरि’ नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया 100वां जहाज है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कहा, उदयगिरी’ और ‘हिमगिरी’ के शामिल होने से नौसेना की युद्धक क्षमता और बढ़ेगी। कमीशनिंग के बाद दोनों युद्धपोत पूर्वी बेड़े में शामिल होंगे। इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री हितों की सुरक्षा क्षमता मजबूत होगी। यह पहला अवसर है जब अलग अलग शिपयार्ड में निर्मित दो प्रमुख युद्धपोतों को एक साथ नौसेना में शामिल किया जा रहा है। ‘हिमगिरी’ गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित पी17ए युद्धपोतों में से पहला युद्धपोत है। दूसरे युद्धपोत उदयगिरि को मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया गया है। इन दोनों युद्धपोतों में डिजाइन, स्टेल्थ, हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। इन युद्धपोतों में लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। दोनों युद्धपोतों के नाम आईएनएस उदयगिरि (एफ35) और आईएनएस हिमगिरि (एफ34) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सेवामुक्त होने से पहले 30 वर्षों से अधिक समय तक देश की सेवा की थी।
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