जयपुर: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक और मुंबई स्थित एक निजी कंपनी के उप महाप्रबंधक को 2.4 लाख रुपये की रिश्वत लेते और देते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई के अनुसार, यह रिश्वत निजी कंपनी द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की एक संविदा से जुड़े बिलों के प्रसंस्करण और पास कराने के लिए दी जा रही थी। इस मामले में अजमेर में तैनात वरिष्ठ महाप्रबंधक, उक्त निजी कंपनी, उसके चार प्रतिनिधियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों सहित कुल 06 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई का जाल और कार्रवाई
सीबीआई की जांच में पता चला कि आरोपी अधिकारी कथित रूप से निजी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत कर कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचा रहे थे। परस्पर बातचीत के बाद 19 मार्च 2025 को सीकर में रिश्वत की रकम सौंपने की योजना बनी। सीबीआई ने पहले से जाल बिछा रखा था और जैसे ही निजी कंपनी के डीजीएम ने वरिष्ठ महाप्रबंधक को 2.4 लाख रुपये सौंपे, सीबीआई ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
आवासीय परिसरों में तलाशी, डिजिटल साक्ष्य बरामद
गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने सीकर, जयपुर और मोहाली में आरोपियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है। बता दें कि सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और संभावना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सख्त नीति के तहत इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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News & Image Source: khabarmasala