मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राजकीय यात्रा पर ब्रासीलिया पहुंच गए हैं। ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेरो फिल्हो ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वे 6 और 7 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में दो दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद ब्रासीलिया पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत और ब्राजील की मजबूत साझेदारी की नई पहल में प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील की राजधानी पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत पारंपरिक ब्राजीलियाई सांबा रेगे की संगीतमय प्रस्तुति से किया गया। प्रधानमंत्री मोदी आपसी हितों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। वार्ता में व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संपर्क के मुद्दे भी शामिल होंगे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। दोनों देश आपसी हितों के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। ब्राजील में भारतीय राजदूत दिनेश भाटिया ने पहले बताया था कि प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकों के दौरान चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये सहमति पत्र आतंकवाद से निपटने, गोपनीय सूचनाओं को परस्पर साझा करने, अक्षय ऊर्जा और कृषि अनुसंधान में सहयोग करने के बारे में होंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री नामीबिया के लिए रवाना होंगे, जो प्रधानमंत्री की पांच देशों की विदेश यात्रा का अंतिम चरण है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के रियो दौरे को बहुत ही उत्पादक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापक विचार-विमर्श किया। उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति और ब्राजील सरकार को इस मंच को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उनके ब्रिक्स प्रेसीडेंसी के माध्यम से किए गए कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्व नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठकें विभिन्न देशों के साथ भारत की मित्रता को बढ़ावा देंगी। इससे पहले, रियो डी जेनेरियो में पर्यावरण, सीओपी 30 और वैश्विक स्वास्थ्य पर एक सत्र में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रह और मानव स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और भारतीय समाज पीढ़ियों से प्रकृति के प्रति श्रद्धा रखता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लिए जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं बल्कि नैतिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल ब्रिक्स की भारत की अध्यक्षता के दौरान इसे ‘सहयोग और स्थिरता के लिए नवाचार के निर्माण’ के रूप में फिर से प्ररिभाषित किया जाएगा। पीएम मोदी ने भारत के ब्रिक्स नेतृत्व के लिए संभावित प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया और अप्रत्याशित स्थितियों के लिए तैयारियों पर जोर दिया।
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