मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर इस वर्ष का स्वच्छता अभियान प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर से शुरू होगा। इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम होगी ‘स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता’। यह अभियान 2 अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती पर संपन्न होगा। स्वच्छता अभियान में इस वर्ष अधिक से अधिक जन-भागीदारी पर और स्थानीय निकायों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। अभियान के दौरान जन-जन को स्वच्छता अपने व्यवहार में आत्मसात करने के लिये प्रेरित करने के साथ प्रदेश में सभी स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिन 17 सितम्बर को ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के शुभारंभ अवसर पर मंत्रीगण अपने-अपने प्रभार के जिलों में शामिल होंगे। मंगलवार 17 सितम्बर को स्थानीय स्तर पर परिस्थिति अनुसार नवाचार करते हुए अभियान को प्रभावी बनाया जायेगा। अभियान की शुरूआत में 17 सितम्बर को प्रदेश में किफायती दाम पर दवाईयाँ उपलब्ध कराने वाले जनऔषधि केन्द्रों का शुभारंभ भी किया जायेगा। इस वर्ष “स्वच्छता ही सेवा अभियान” के तीन प्रमुख केन्द्र बिन्दु होंगे। इनमें जन-भागीदारी, जागरूकता और एडवोकेसी, अभियान का दूसरा स्तंभ स्वच्छता के लिये श्रमदान और स्वच्छता लक्षित इकाई का कायाकल्प। इस थीम पर उन जगहों को चिन्हित किया जायेगा, जहां लंबे समय से स्वच्छता पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे स्थानों पर पार्क, पाथ-वे और बच्चों के लिये मनोरंजन के साधन लगाने के बारे में जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में निर्णय लिया जायेगा। अभियान के तीसरे स्तंभ के रूप में सफाई कार्य में लगे सफाई मित्रों के स्वास्थ्य जांच एवं सामाजिक सुरक्षा के बारे में निर्णय लिया जायेगा।
स्वच्छता की भागीदारी
“स्वच्छता ही सेवा अभियान” के दौरान स्थानीय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में नागरिकों को स्वच्छ भारत बनाने के लिये शपथ दिलाई जायेगी। छात्रों और युवाओं की भागीदारी के साथ स्वच्छता पर केन्द्रित गीत, नृत्य, प्रश्नोत्तरी, काव्य पाठ और नुक्कड़ नाटक विभिन्न स्थानों पर आयोजित किये जायेंगे। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर नागरिकों और विशेषज्ञों की उपस्थिति में अपशिष्ट प्रबंधन, संपूर्ण स्वच्छता और वेस्ट टू आर्ट पर केंद्रित कार्यशाला आयोजित होंगी। अभियान के दौरान स्वच्छता पर केंद्रित “स्लोगन” लेखन के कार्यक्रम भी होंगे, सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। स्थानीय स्तर पर अपशिष्ट संग्रहण का विशेष अभियान चलेगा। प्रदेश की प्रमुख नदियों नर्मदा, ताप्ती, बेतवा, सोन और अन्य प्रमुख नदियों तटों के साथ पर्यटन स्थलों पर विशेष सफाई कार्यक्रम भी होंगे। राज्य में नागरिकों में जागरूकता लाने के लिये विभिन्न स्थानों पर रैली भी आयोजित की जायेगी।
स्वच्छता लक्षित इकाई पर गतिविधियां
अभियान में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जायेगा, जहाँ सफाई की विशेष आवश्यकता है। वहाँ पर नागरिकों की सुविधा के लिये विशेष कार्य किये जाने पर निर्णय लिये जायेंगे। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में पौध-रोपण के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। उन स्थानों इनमें सार्वजनिक शौचालय मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। सामुहिक सफाई कार्य में भागीदारी बढ़ाने के लिये स्वयं-सेवियों की पहचान, औद्योगिक समूहों की भागीदारी और श्रेष्ठ कार्य करने वालों का नागरिकों की उपस्थिति में सम्मान किया जायेगा।
अभियान के समापन पर होंगे प्रमुख कार्यक्रम
‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का समापन 2 अक्टूबर “महात्मा गांधी जयंती” पर प्रदेशभर में होगा। इस दिन महात्मा गांधी के स्वच्छता संबंधी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेंगे। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों से ऑनलाइन अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास होगा। बच्चों और युवाओं की साहित्य और संस्कृति पर केन्द्रित कार्यक्रम जन-प्रतिनधियों की उपस्थिति में होंगे।
News Source: mpinfo.org
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