राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि प्रौद्योगिकी और परंपराओं, आधुनिकता और संस्कृति का सम्मिश्रण समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के ज्ञान का प्रचार और विकास भारत को ज्ञान महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह बात उन्होंने कल ”जनजाति अनुसंधान-अस्मिता, अस्तित्व एवं विकास” पर राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात में कही।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमें ज्ञान की शक्ति से दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आदिवासी समाज के लोग, लेखक, शोधकर्ता अपने विचारों, कार्यों और शोध से आदिवासी समाज के विकास में अपना अमूल्य योगदान देंगे।
Courtesy: newsonair.gov.in
Image Source: Twitter @rashtrapatibhvn
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