मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की कोर्ट ने आगजनी के मुकदमे में फरारी के दौरान फर्जी आधार कार्ड बनाने में पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इरफान ने अशरफ नाम के आधार कार्ड से दिल्ली से मुंबई तक की हवाई यात्रा की थी। पुलिस रिपोर्ट में इरफान को दोषसिद्ध न बताए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर को आदेश की प्रति भी भेजी है, ताकि भविष्य में जमानत प्रार्थना पत्र पर संबंधित थाना प्रभारी सही रिपोर्ट न्यायालय में भेजें।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जाजमऊ में आगजनी की घटना के बाद इरफान सोलंकी द्वारा दिल्ली से मुंबई तक की हवाई यात्रा कूटरचित आधार कार्ड के जरिए करने पर ग्वालटोली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में इरफान के अलावा छह अन्य को आरोपित किया गया था। सभी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप भी तय हो चुके हैं और मुकदमे में गवाही शुरू हो चुकी है। इरफान के खिलाफ जो आरोप हैं, उनमें आजीवन कारावास या 10 साल तक के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रविधान है। आगजनी के मुकदमे में इरफान को न्यायालय ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं बचाव पक्ष की ओर से इरफान को झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा गया। कहा गया कि मुकदमे में कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। इरफान ने दो दिसंबर 2022 को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि पुलिस छह दिन बाद आठ दिसंबर को आधार कार्ड के टुकड़ों को बरामद होना बता रही है। पुलिस की कहानी झूठी और कल्पना पर आधारित है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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