बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में मंत्रीगण प्राण-प्रण से जुटें : सीएम शिवराज

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस समय प्रदेश में कई जगह बाढ़ की स्थितियाँ निर्मित है, विदिशा, राजगढ़, गुना आदि जिलों में कई गाँव बाढ़ से घिरे हैं, ऐसे में यह उचित नहीं होगा कि हम केवल बैठक कर स्थिति की समीक्षा करें, सभी का मैदान में जाना आवश्यक है। जनता कष्ट में है, पानी से घिरी हुई है। इसलिए आज राज्य शासन ने मंत्रि-परिषद की बैठक स्थगित करने का निर्णय लिया है। मैं स्वयं बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में निकल रहा हूँ। अलग-अलग जिलों के प्रभारी मंत्री भारी वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों की जानकारी लें। जहाँ जाना आवश्यक है वहाँ जाएँ और लोगों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में मंत्रीगण प्राण-प्रण से जुटें।

मुख्यमंत्री ने निवास कार्यालय से मंत्रीगण से वर्चुअल संवाद में आज सुबह यह बात कही। अत्यधिक वर्षा के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मोबाइल से ही वीडियो कॉल कर मंत्रियों से चर्चा की । मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों से कहा कि प्रदेश के आधे जिलों में भारी बारिश की संभावना है। निचले स्थानों पर निवासरत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रीगण को सचेत करते हुए कहा कि अधिकांश बांधों से पानी छोड़ना पड़ रहा है और नदियों के तेज प्रवाह के कारण जो स्थिति निर्मित हो रही है, उस पर ध्यान देना हमारा कर्त्तव्य है। गांधी सागर बांध से काफी पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे चंबल नदी खतरे के निशान को छुएगी। मंत्री अपने-अपने प्रभार के जिलों और स्थानीय जिलों में प्रशासन एवं जन-सामान्य से सम्पर्क में रहें। राहत के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएँ, जिससे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। यह भी सुनिश्चित करें कि बाढ़ उतरने के बाद फसलों, संपत्ति के नुकसान का आंकलन उचित रूप से किया जाए ।

courtesy mpinfo

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