केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने आज एक राष्ट्र, एक पोर्टल की भावना के अनुरूप बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल का शुभारंभ किया। बायोआरआरएपी नामक ये पोर्टल – देश में जैविक अनुसंधान और विकास गतिविधि के लिए अनुमति चाहने वाले सभी पक्षों के लिए मददगार होगा।
पोर्टल के शुभारंभ के बाद डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत एक वैश्विक जैव-विनिर्माण केंद्र बनने जा रहा है और 2025 तक दुनिया के ऐसे शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि ये पोर्टल हितधारकों को एक विशिष्ट आईडी के माध्यम से किसी आवेदन के लिए दी गई अनुमति को देखने की भी सुविधा देगा। उन्होंने डीबीटी के इस अनूठे पोर्टल को भारत में वैज्ञानिक गतिविधियों, अनुसंधान और स्टार्टअप्स को आसान बनाने की दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि भारत में जैव-प्रौद्योगिकी का क्षेत्र युवाओं के लिए तेजी से एक अकादमिक और आजीविका साधन के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल देश में दो हजार सात सौ से अधिक बायोटेक स्टार्टअप्स और ढाई हजार से अधिक बायोटेक कंपनियां सक्रिय हैं।
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