बाल विवाह कानूनन अपराध

0
240

मध्य प्रदेश में संचालक महिला-बाल विकास श्री रामराव भोंसले ने कहा है कि अक्सर यह देखने में आया है कि अक्षय तृतीया (3 मई) पर बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसके कारण देश में हजारों बालक-बालिकाओं को समय के पूर्व ही पारिवारिक बंधनों में बांधकर माता-पिता द्वारा उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है। श्री भोंसले ने कहा कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसमें 2 वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में शामिल न हो, जिनमें वधु 18 वर्ष से कम और वर 21 वर्ष से कम आयु का हो, अन्यथा उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

संचालक श्री भोंसले ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कहीं पर बाल विवाह हो रहा हो, तो इसकी सूचना वर या वधु के रिश्तेदार, पड़ौसी या अन्य लोग दे सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा। इसके लिये महिला हेल्पलाइन नम्बर-181, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर-1098 एवं पुलिस हेल्पलाइन नम्बर-100 डॉयल कर तथा जिलों के प्रशासनिक अधिकारी को भी सूचना दी जा सकती है। उन्होंने वैवाहिक आयोजन कराने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यवसाई, बैण्ड-बाजा, केटरर्स, पुरोहित, मौलवी आदि को सतर्क करते हुए कहा कि वे वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं बाल विवाह तो नहीं हो रहा है। अन्यथा किसी भी तरह से सहयोग करने वाले व्यक्ति भी दण्ड के भागी होंगे।

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here