आज बुद्ध पूर्णिमा है। यह पावन दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, बोधगया में महाबोधि वृक्ष के नीचे बोधि प्राप्ति और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण से जुडा है।
भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसापूर्व में नेपाल के लुम्बिनी में वैशाख पूर्णिमा के दिन राजा शुद्धोदन और रानी महामाया के पुत्र राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के रूप में हुआ था।
वैशाख पूर्णिमा का दिन पूरे विश्व के बौद्ध धर्मावलम्बियों के लिए विशेष महत्व का दिन है। इस अवसर पर भारत, नेपाल, भूटान, म्यामां, थाईलैंड, तिब्बत, चीन, कोरिया, लाओस, वियतनाम, मंगोलिया, कम्बोडिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और श्रीलंका में विशेष समारोहों का आयोजन होता है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में श्री नायडू ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक महान आध्यात्मिक गुरुओं में से एक भगवान बुद्ध ने गहन सच्चाईयों से परिचित कराया। उनकी शिक्षा हमारे दुखों के मूल कारणों को तलाशने और कष्ट से मुक्ति दिलाने पर केन्द्रित थी। श्री नायडू ने कहा कि भगवान बुद्ध और उनका ‘धम्म’ शाश्वत ज्ञान प्राप्ति का सनातन स्रोत है, जो नैतिकता, संतुष्टि और सच्ची प्रसन्नता के पथ का मार्ग दर्शन करता है।
श्री नायडू ने कहा कि हमें भगवान बुद्ध के दिखाये मार्ग के अनुसार प्रेम, सहानुभूति और समानता के सिद्धांतों के अनुसरण के लिए स्वयं को समर्पित करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बुद्ध पूर्णिमा का पावन अवसर हमें भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का स्मरण करने और उन्हें पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर देता है। श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि भगवान बुद्ध के संदेशों पर आचरण से धरती पर शांति और भाईचारे की स्थापना हो सकेगी।