ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए जहाज-रोधी और हमले के संचालन के लिए मुख्य हथियार है, जो नियमित रूप से हथियार प्रणाली से फायर करते हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक, ब्रह्मोस कॉर्पोरेशन द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल का बड़े पैमाने पर स्वदेशीकरण किया गया है और इसके ज्यादातर पार्ट्स का का स्वदेशीकरण किया जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल को जल्द ही फिलीपींस को भी निर्यात करने की तैयारी है, जो इसका पहला वैश्विक ग्राहक है।
बता दें कि कई देश ब्रह्मोस मिसाइल में रुचि दिखा रहे हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के कई देशों ने कई तरीकों से तैनाती के लिए इस मिसाइल प्रणाली में गंभीर रुचि दिखाई है। अतुल राणे की अध्यक्षता में ब्रह्मोस एयरोस्पेस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 5 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी काम कर रहा है। ब्रह्मोस के चेयरमैन ने कहा था कि फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर के पहले निर्यात सौदे के बाद, उनकी टीम 2025 तक 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रख रही है।
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