भारत को विश्वगुरु बनाने का सशक्त माध्यम है कौशल विकास

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में शुक्रवार को कौशल विकास विभाग द्वारा एक दिवसीय उद्योग और शैक्षणिक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें उद्योग एवं कौशल शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने सहभागिता की। रोजगार व कौशल विकास के अवसरों को बढ़ाने के लिए विभिन्न इण्डस्ट्रीज और विभाग के बीच सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प अनुसार भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए युवाओं का कौशल अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा।

मध्यप्रदेश की नई स्किल पॉलिसी तैयार की जा रही

मंत्री टेटवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए नई स्किल पॉलिसी बनाने का कार्य कर रहे हैं। इसके निर्माण में जमीनी स्तर से फीडबैक और हितग्राहियों के साथ बैठकर उनकी सलाह अनुरूप ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है। इस तरह का पॉलिसी ड्रॉफ्ट युवाओं के लिए ज्यादा प्रभावी और लाभकारी होगा। इसमें हम यह भी ध्यान रख रहे हैं कि युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार कौशल प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी के देश भर में 1000 आईटीआई विकसित करने के लिए लक्ष्य के अनुरूप मध्यप्रदेश की नई स्किल पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने का कार्य किया है।

कौशल विकास मंत्री टेटवाल ने बताया कि इंडस्ट्री की वर्तमान उच्च तकनीकी की मांग के अनुसार कोर्स तैयार किए जा रहे हैं और उन्हीं के अनुसार ट्रेनिंग भी प्रदान की जा रही है। हरित कौशल पहल के अंतर्गत तीन आईटीआई छिंदवाड़ा, धार व देवास में सोलर, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई.वी.) एवं वायु ऊर्जा से जुड़े कोर्स शुरू किए गए हैं जिन्हें उद्योग व उद्यमियों का अच्छा फीडबैक मिला है। प्रदेश के युवाओं को 66 ट्रेड प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसमें 70 प्रतिशत प्रशिक्षण इंडस्ट्री और 30 प्रतिशत प्रशिक्षण आईटीआई में प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के जिन विकासखंडों में आईटीआई नहीं हैं, ऐसे चिन्हांकित 51 विकासखंडों में पीपीपी मोड में आईटीआई विकसित किए जाएंगे।

11 विभिन्न संस्थानों से हुआ एमओयू, उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्योगों को किया सम्मानित

कार्यशाला में यूनाइटेड नेशन्स वुमन, सीपेट, द आर्ट ऑफ लिविंग, क्रिस्प, एनआईटीटीटीआर और फेडरेशन ऑफ एमपी चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित 11 संस्थानों व उद्योगों के साथ कौशल शिक्षा से संबंधित एमओयू भी किया गया। मंत्री टेटवाल ने यह एमओयू प्रदान किए। साथ ही संदावत सारंगपुर के हरीश सेन को ऑफर लेटर भी प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के अंतर्गत विद्यार्थी कौशल प्रशिक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सागर मैन्यूफैक्चरर्स प्रा. लि. रायसेन, वॉल्वो आयशर भोपाल और वर्धमान ग्रुप को मंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला में कौशल विकास से जुड़ी केन्द्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं पर विचार-मंथन भी किया गया। यहां विभिन्न आईटीआई के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए।

कौशल विकास का कोर्स स्पॉन्सर कर पाएंगे उद्योग – सचिव आर. राजेन्द्रन

कार्यशाला में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव रघुराज राजेन्द्रन ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से हम अपने कस्टमर्स से मिल रहे हैं और मंत्री टेटवाल के निर्देशन में स्किल पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसमें ‘ज्ञान पर ध्यान’ की अवधारण पर काम किया जा रहा है। हम ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जिसमें उद्योग अपनी जरूरतों के अनुसार कोर्स तैयार करवाकर, आवश्यकतानुसार सीटों का चयन कर किसी भी कोर्स को स्पॉन्सर कर सकेंगे। इसमें अगर वे चाहेंगे कि उनकी मशीनों पर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए, तो उसकी भी सुविधा होगी। इससे युवाओं को इंडस्ट्री में सीधे रोजगार के अवसर मिलेंगे। सचिव रघुराज ने मंत्री व अन्य अतिथियों को सम्मान स्वरूप स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन का बैज भी लगाया।

पाठ्यक्रम में नवीनता और पीपीपी मॉडल पर चर्चा

कौशल विकास की निदेशक हर्षिका सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 285 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है जिसमें लगभग 100 ट्रेड पाठ्यक्रमों में 4 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रशिक्षित किए जा रहे हैं। प्रत्येक नव अकादमिक सत्र से पूर्व पाठ्यक्रमों में नवीनता, अद्यतन और उसे उद्योग आधारित बनाने के उद्देश्य से इंडस्ट्री और अकादमिक संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ विचार मंथन किया।

कार्यशाला में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को युवाओं तक पहुंचाना और उससे लाभान्वित करने में उद्योगों की सहभागिता पर चर्चा की गई। देश भर में 1000 आईटीआई को अपग्रेड करने का लक्ष्य केंद्रीय बजट में रखा गया है। इस लक्ष्य में मध्यप्रदेश की भूमिका, लक्ष्य और प्रयासों को लेकर विचार-विमर्श किया जायेगा।

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News & Image Source: mpinfo.org

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