केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज तेलंगाना में कहा है कि “भारत ने बड़ी खूबसूरती के साथ विविधता में एकता का ये मंत्र आत्मसात करते हुए सांस्कृतिक एकता से देश की एकात्मता का रास्ता तय किया है। तेलंगाना दिन दोगुनी-रात चौगुनी तरक्की करे, ये मैं आज शुभकामनाएं देता हूं।” उन्होंने कहा है कि “तेलंगाना की स्थापना का एक संघर्षपूर्ण इतिहास रहा है। वर्षों तक वहां के लोगों ने संघर्ष किया, बलिदान दिया और 2 जून 2014 को भारत का ये सबसे युवा राज्य अस्तित्व में आया।”
उन्होंने बताया कि “तेलंगाना की संस्कृति, नृत्य, संगीत, इतिहास, खान-पान ये पूरे भारत की संस्कृति के लिए गौरव की बात है। अनेक ऐसे तीर्थ यहां है जो समग्र भारत के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। देशभर के लोग इन्हें देखने के लिए यहां आना चाहते हैं।” गृहमंत्री शाह ने आगे कहा कि “केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। हम केंद्र और राज्य के रिश्ते को सम्मान से निभाते हैं। किसी भी राज्य के लिए हमने सौतेला व्यवहार कभी नहीं किया।”
उन्होंने कहा है कि “भाजपा ने हमेशा से तेलंगाना की स्थापना का समर्थन किया था। 2004 में वादा करने के बाद भी 2014 तक तेलंगाना की मांग को ठुकराया गया। चुनाव जब नजदीक आए, तब जाकर 2014 में तेलंगाना राज्य की घोषणा हुई। लेकिन अब भी यहां काम करने की पद्धति और विचार दोनों प्रदर्शित होते हैं।”
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने बताया कि “सरदार पटेल अगर न होते, तो भारत का नक्शा आज ऐसा नहीं होता। आज पूरा देश सरदार पटेल का ऋणी है कि उन्होंने निजाम के जुल्मी शासन से मुक्ति दिलायी थी।”
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