भारत ने वैश्विक खाद्य असुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है और सबसे अधिक प्रभावित लोगों की कठिनाई को कम करने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया है। न्यूयॉर्क में वैश्विक खाद्य सुरक्षा कॉल टू एक्शन विषय पर मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष का असर विकासशील देशों पर पड़ा है। इस कारण ऊर्जा और जरूरत की चीजों के दाम बढ़ने के साथ-साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी बाधित हुई है।
खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए श्री मुरलीधरन ने कहा कि 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 13 करोड़ 90 लाख लोग दुनियाभर में संघर्षों के कारण बहुत अधिक खाद्य असुरक्षा से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा। वह सामाजिक न्याय को बढावा देने के साथ-साथ समानता और करुणा भाव दिखाएगा अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति के मद्देनजर भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजा है। भारत ने म्यांमार को मदद देने के लिए अपना मानवीय रुख जारी रखा है और उसे 10 हजार टन चावल और गेहूं का अनुदान दिया है। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में श्रीलंका को भी खाद्यान्न पहुंचा रहा है।
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